Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा बिजली निगम भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पूछा- क्यों नहीं हुई नियुक्ति?

    Updated: Tue, 25 Mar 2025 03:45 PM (IST)

    हरियाणा में बिजली वितरण निगमों (Haryana Electricity Distribution Corporations) में हुई भर्तियों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक नया हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करे कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में कितनी नियुक्तियां की गई हैं और कितनी सीटें अब भी खाली हैं।

    Hero Image
    हरियाणा बिजली निगम भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में बिजली वितरण निगमों (Haryana Electricity Distribution Corporations) में हुई भर्तियों को लेकर अस्पष्ट रवैये पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने सवाल खड़े किए है।

    कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक नया हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करे कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (Haryana Bijli Vitran Nigam) में कितनी नियुक्तियां की गई हैं और कितनी सीटें अब भी खाली हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    447 पदों पर निकली थी भर्ती

    हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) ने इन दोनों निगमों में अपर डिवीजन क्लर्क के 447 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। अदालत में दाखिल हलफनामे से पता चला कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में सिर्फ 232 पद भरे गए, जबकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (Haryana Bijli Vitran Nigam) में केवल 123 उम्मीदवारों को रखने की सिफारिश हुई।

    यह भी पढ़ें- हरियाणा के किसानों के लिए अच्छी खबर, गेहूं बेचने में नहीं होगी कोई दिक्कत; सरकार की 75 लाख टन खरीद की तैयारी

    इससे कई योग्य उम्मीदवार नियुक्ति से वंचित रह गए। इससे पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि 429 उम्मीदवार दोनों निगमों में नियुक्ति के लिए पात्र पाए गए थे। कोर्ट ने महसूस किया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में कई पद खाली रह गए हैं और सूची में शामिल उम्मीदवारों को मौका नहीं मिला।

    अदालत ने आपत्ति जताते हुए मांगा स्पष्टीकरण

    इस पर अदालत ने आपत्ति जताई और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने सरकार को हलफनामा देकर यह स्पष्ट करने का आदेश दिया है कि निगमों में किस श्रेणी के कितने पद खाली हैं और क्या अपीलकर्ताओं को नियमों के तहत नियुक्ति का अधिकार है।

    यह भी पढ़ें- पंचकूला में लेआउट प्लान को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- अस्पताल को हटाना संविधान का उल्लंघन

    इस दिन होगी मामले की अगली सुनवाई

    हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने यह आदेश विकास व अन्य द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार रिक्त पद होने के बाद भी उनको बिजली निगमों में नियुक्ति नहीं दी जा रही। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।

    यह भी पढ़ें- हरियाणा में सरकारी नौकरी के नाम पर बढ़ रहे ठगी के मामले, बेरोजगार बन रहे निशाना; अब हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान