जजों के आवास और अदालतों की कमी पर हाईकोर्ट सख्त, हरियाणा-पंजाब से मांगा जवाब
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में जजों के लिए ट्रांजिट आवास और अदालतों की कमी पर सख़्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को जजों के आवास और अदालतों की अस्थायी व्यवस्था पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार से भी स्थायी अदालतों के निर्माण तक इंतज़ामों पर जवाब माँगा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जजों के लिए ट्रांजिट आवास और कई जिलों में अदालतों की कमी पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि जजों के आवास और अदालतों की अस्थायी व्यवस्था को लेकर हलफनामा दाखिल करें।
वहीं, पंजाब सरकार से भी स्थायी अदालतों के निर्माण तक इंतजामों पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक स्थाई इंतजाम नहीं होते, तब तक किराए पर फ्लैट लेकर जजों को उपलब्ध कराए जाएं। यह मामला कई जिला बार एसोसिएशनों द्वारा दाखिल जनहित याचिका से जुड़ा हुआ है।
कोर्ट को बताया गया कि पंजाब के मलेरकोटला को जिला तो बना दिया गया, लेकिन यहां पर अदालत में कोई व्यवस्था नहीं है। कोर्ट परिसर में न तो अदालत मौजूद है और न ही जजों के लिए आवास। हाईकोर्ट ने याचिका का दायरा बढ़ाते हुए हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को पक्ष बना लिया था।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के लिए आवास व अदालत की अस्थाई व्यवस्था पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा। कोर्ट को बताया गया कि दो कोर्ट रूम तैयार कर लिए गए हैं और उनका कब्जा दे दिया गया है।
वकील ने कहा कि केवल एक का कब्जा दिया गया है, दूसरे का नहीं। कोर्ट ने कहा कि 10 दिन के अंदर दूसरे का भी कब्जा दिया जाए वरना सख्त कार्रवाई होगी।
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