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    हरियाणा के CM सैनी को मिला 'शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड', सिख धर्म और समाज कल्याण में योगदान के लिए मिला सम्मान

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को 'शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान सिख धर्म और समाज कल्याण में योगदान के लिए मिला है। चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन ने उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर डाॅ. इकबाल सिंह लालपुरा की पुस्तक का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री सैनी ने गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान को याद किया।

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    ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन के सदस्य सीएम नायब सिंह सैनी को सम्मानित करते हुए।

    संवाद सहयोगी, डेराबस्सी। चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में आयोजित समारोह में ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें सिख धर्म, सामाजिक एकता और समाज कल्याण के क्षेत्र में उनके योगदान और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए दिया गया।

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    समारोह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड सदस्य एवं पूर्व अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष डाॅ. इकबाल सिंह लालपुरा की पुस्तक ‘तिलक जंझू का राखा’ (जीवन: श्री गुरु तेग बहादुर साहिब) का लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। डेराबस्सी क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता और समाजसेवी सरदार गुरदर्शन सिंह सैनी विशेष रूप से उपस्थित थे।

    ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन और गुरदर्शन सिंह सैनी ने कहा कि यह सम्मान मुख्यमंत्री को सिख धर्म के प्रति उनकी सेवाओं, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की स्थापना, कुरुक्षेत्र में सिख म्यूजियम निर्माण की पहल और 1984 के दंगों से प्रभावित सिख परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाने जैसे कार्यों के लिए प्रदान किया गया। डाॅ. इकबाल सिंह लालपुरा ने सैनी की सराहना करते कहा कि उन्होंने सिख इतिहास और समाज के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

    मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि डाॅ. लालपुरा की यह पुस्तक आज के समाज के लिए एक आध्यात्मिक दस्तावेज है, जो गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन और उनके बलिदान के माध्यम से मानवता, सहिष्णुता और सत्य के संदेश को जीवित रखती है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब का जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म और सत्य की रक्षा के लिए बलिदान ही सर्वोच्च मार्ग है।


    डाॅ. कुलवंत सिंह धालीवाल, अध्यक्ष ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन, डाॅ. केएस औलख (पूर्व कुलपति, पीएयू लुधियाना), महारानी उमा सिंह (नाभा) सहित कई प्रख्यात हस्तियां मौजूद थीं। एसोसिएशन के सदस्यों ने पंजाब में बढ़ती आर्थिक मंदी, नशे की समस्या और युवाओं के पलायन पर चिंता व्यक्त करते कहा कि अब समय है जब सभी पंजाबी मिलकर सरबत दा भला की भावना से काम करें।