कैलिफोर्निया से 73 वर्षीय बुजुर्ग सिख महिला को हथकड़ी बांधकर भेजा गया भारत, परिवार को मिलने की नहीं मिली अनुमति
कैलिफोर्निया में आप्रवासन अधिकारियों द्वारा हिरासत में ली गई 73 वर्षीय हरजीत कौर को भारत निर्वासित कर दिया गया। वकील के अनुसार उन्हें हथकड़ी लगाकर निर्वासित करते समय परिवार को मिलने भी नहीं दिया गया। बुजुर्ग हरजीत की हिरासत के खिलाफ कैलिफोर्निया में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हरजीत कौर 1992 में अपने दो बच्चों के साथ अमेरिका आई थीं।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। कैलिफोर्निया में इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा हिरासत में ली गई 73 वर्षीय हरजीत कौर को भारत निर्वासित कर दिया गया है।
हरजीत कौर के वकील के अनुसार, जब उन्हें हथकड़िया बांधकर निर्वासित किया जा रहा था, तब परिवार को भी मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
हरजीत कौर 23 सितंबर को दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पहुंचीं। बुजुर्ग हरजीत के हिरासत में लेने के खिलाफ कैलिफोर्निया में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 200 लोगों ने एल सोबेरांते गुरुद्वारे के बाहर प्रदर्शन किया।
हरजीत कौर 1992 में अपने दो बच्चों के साथ अमेरिका आई थीं और 2012 में उनका शरण का मामला रद कर दिया गया था। उनकी बहन मनजीत कौर ने बताया कि तब से वह हर छह महीने बाद इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आइसीई) में जाकर जानकारी देती रही थीं।
8 सितंबर को उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। उनके वकील दीपक आहलूवालिया ने पुष्टि की कि उनके पास अपील के सभी विकल्प समाप्त हो गए थे, हालांकि उन्होंने जिस तरीके से उन्हें निर्वासित किया गया है, उस पर सवाल उठाए हैं।
अस्थायी हिरासत में रखा गया
हरजीत कौर को रविवार को बेकर्सफील्ड से अचानक लास एंजेल्स लाया गया और वहां से जार्जिया के एक चार्टर्ड विमान में चढ़ा दिया गया। वहां उन्हें अस्थायी हिरासत में रखा गया और एक अलग सेल में बैठा दिया गया, जहां कोई बुनियादी सुविधा नहीं थी।
आइसीई ने उन्हें कमर्शियल फ्लाइट के बजाय एक चार्टर्ड प्लेन में अन्य निर्वासितों के साथ भेज दिया। वकील दीपक आहलूवालिया ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट में बताया कि हरजीत कौर को आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों ने नियमित जांच के दौरान हिरासत में लिया था।
कौर की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर उनके परिवार ने सैकड़ों समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। अहलूवालिया ने कहा कि हरजीत को लगभग 60-70 घंटों तक बिस्तर नहीं दिया गया और जमीन पर कंबल ओढ़कर सोने को मजबूर किया गया।
उन्हें पूरे समय नहाने की अनुमति नहीं दी गई। सोमवार की उड़ान से पहले गीले कपड़े देकर जार्जिया से आर्मेनिया जाने वाले विमान में चढ़ने से पहले साफ-सफाई करने को कहा गया। आर्मेनिया से वह एक आइसीई चार्टर्ड विमान से दिल्ली आईं।
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