Happy Passia: बच्चों से करवाई थी डकैती, रंगदारी मांगता-मांगता बन गया आतंकी; पढ़ें पूरी टाइमलाइन
हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया जो अमेरिका में गिरफ्तार हुआ है एक कुख्यात आतंकवादी है जिसने स्कूली बच्चों से डकैती करवाने से लेकर बीकेआई के लिए काम करने तक का सफर तय किया है। इस लेख में हम हैप्पी पासिया के आपराधिक इतिहास उसके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानेंगे।
रोहित कुमार/नवीन राजपूत, चंडीगढ़/अमृतसर। अमेरिका में गिरफ्तार हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया आतंकी बनने से पहले बच्चों से डकैती करवाता था। अमृतसर जिले के गांव पासिया का रहने वाले दसवीं पास हैप्पी पासिया का का नाम सबसे पहले तब सामने आया था जब उसने स्कूली बच्चों से एक ट्रैक्टर के गोदाम में डकैती करवाई थी। इस मामले में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था।
इसके बाद वह गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गैंग के साथ जुड़ गया और लोगों को डरा धमका कर रंगदारी मांगने लगा। भारत से अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के बाद वह वहां बीकेआई से जुड़ गया और पाकिस्तान में रहते आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के लिए भी काम करने लगा।
आतंकी रिंदा के लिए वह पंजाब में नशे की दलदल में फंसे नाबालिगों और युवाओं के अलावा विदेश जाने की इच्छा रखने वाले गरीब परिवारों के युवाओं को प्रलोभन देकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने लगा।
पुलिस के डोजियर के अनुसार उसके खिलाफ 33 एफआईआर विभिन्न थानों में दर्ज हैं और उसके खिलाफ दस लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी होने के अलावा 17 जनवरी, 2025 को ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया गया था और रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
युवाओं को विदेश भेजने का देता था झांसा
पुलिस के डोजियर के अनुसार हैप्पी पासिया ने बीकेआई आतंकी रिंदा के साथ मिलकर पंजाब में जबरन वसूली और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया। पासिया गरीब, नशे की दलदल में फंसे लोगों को पैसे, नशे और विदेश भेजने के झांसा देकर अपने साथ जोड़ता था और फिर उनसे आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था।
इस काम में अमेरिका में रहते अन्य आतंकी गुरदेव सिंह उर्फ जस्सल पहलवान, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी वांशहरिया और जर्मनी में रहता स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी भी उसका सहयोग करते थे।
गुरदासपुर जिले में पांच ग्रेनेड हमलों को दिया था अंजाम
आतंकी हैप्पी पाशियां ने जिला गुरदासपुर में भी चार पुलिस थानों व एक पुलिस कर्मचारी के चाचा के घर पर ग्रेनेड हमले का आरोपित है। इन हमलों के बाद उसने खुद इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट शेयर कर इसकी जिम्मेदारी ली थी। उसने सबसे पहले जिले के थाना घणीए के बांगर में 12 दिसंबर 2024 को की रात को ग्रेनेड से हमला करवाया था।
इसके बाद 18 दिसंबर की रात को पुलिस चौकी बखशीवाल व 19 दिसंबर की रात को थाना वडाला बांगर, 16 फरवरी 2025 को डेरा बाबा नानक के गांव राएमल्ल में पुलिस कर्मचारी के चाचा के घर ग्रेनेड हमला करवाया। छह अप्रैल की रात को थाना किला लाल सिंह के पास तीन धमाके करने की जिम्मेदारी भी हैप्पी पाशिया ने ली थी।
आईईडी लगाने के मामले में मां-बहन भी हो चुकी हैं गिरफ्तार
हैप्पी ने 24 नवंबर 2024 की रात अपने गुर्गों से अजनाला थाने को आइईडी लगाकर उड़ाने का प्रयास किया था। घटना के दो दिन बाद 26 नवंबर को पुलिस ने उसकी मां भूपिंदर कौर और बहन किरणदीप कौर को आरोपितों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने इस मामले में जब 13 दिसंबर को जंडियाला निवासी जश्नदीप उर्फ डैनी और उसके नाबालिग भाई को गिरफ्तार किया तो उन्होंने पूछताछ में कई राजफाश किए। दोनों ने बताया कि वे नशे के आदी हैं और उन्हें इस काम के लिए तीन-तीन हजार रुपये देने का वादा किया गया था लेकिन आईईडी से धमाका नहीं होने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
दोनों ने आईईडी तैयार करने की तकनीक पासिया के कहने पर गूगल और यूट्यूब से हासिल की थी। आईईडी तैयार करने में जो विस्फोटक लगने थे वह पासिया के ही किसी गुर्गे ने उन्हें घटना से कुछ दिन पहले ही थमाए थे। बाद में पुलिस ने दोनों के कब्जे से दो हैंड ग्रेनेड और पिस्तौल बरामद की थी।
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