गुरुग्राम में खस्ताहाल सड़कों के खिलाफ याचिका दायर, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से मांगा जवाब
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुग्राम के साउथ सिटी-1 में सड़कों की दुर्दशा अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के खिलाफ दायर याचिका पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं ने सड़कों की जर्जर हालत अवैध कब्जों और दैनिक ट्रैफिक जाम का मुद्दा उठाया। अदालत ने सरकार और संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुग्राम के साउथ सिटी-1 क्षेत्र में खराब सड़कों, अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण , नगर निगम गुरुग्राम समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह याचिका ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) परमजीत सिंह और अन्य स्थानीय निवासियों ने दायर की है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी कि साउथ सिटी-1 के लोग लंबे समय से सड़कों की दुर्दशा, अवैध कब्जों और रोज़ाना होने वाली ट्रैफिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की ओर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तो बनाई गई, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया, कोई काम आगे नहीं बढ़ा। सड़कें जर्जर हैं, अवैध अतिक्रमण है और लोग हर दिन परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि सेंट्रल एवेन्यू रोड पिछले 15 साल से अधूरी पड़ी है।
इस पर हरियाणा सरकार की ओर से कहा कि करीब 7.65 करोड़ रुपये की परियोजना का विस्तृत अनुमान तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, 52 कार्यों के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए गए हैं और वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुका है। स्वीकृति पत्र 2 मई को जारी किया गया, लेकिन मानसून के कारण काम की शुरुआत नहीं हो पाई है।
चीफ जस्टिस नागू ने कहा कि याचिकाकर्ता कुछ समय इंतज़ार कर सकते हैं और यदि फिर भी काम न हो तो दोबारा अदालत का रुख कर सकते हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता पक्ष ने तर्क दिया कि गुरुग्राम में दशकों से कार्य अधूरे पड़े हैं।
अंत में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए।
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