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    क्रिप्टोकरंसी, आनलाइन गेमिग और कसीनो पर जीएसटी दरों को लेकर होगा फैसला

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 24 Jun 2022 11:56 PM (IST)

    जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक इस बार चंडीगढ़ में हो रही है। 28 और 29 जून को इंडस्ट्रियल एरिया फेज एक स्थित होटल हयात में यह बैठक होगी। बैठक की अध्यक्षत ...और पढ़ें

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    क्रिप्टोकरंसी, आनलाइन गेमिग और कसीनो पर जीएसटी दरों को लेकर होगा फैसला

    विशाल पाठक, चंडीगढ़ : जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक इस बार चंडीगढ़ में हो रही है। 28 और 29 जून को इंडस्ट्रियल एरिया फेज एक स्थित होटल हयात में यह बैठक होगी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्रिप्टोकरंसी, आनलाइन गेमिग और कसीनो पर जीएसटी दरों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

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    बीते बजट में क्रिप्टोकरंसी को टैक्स के दायरे में लाने को लेकर घोषणा की गई थी। अब काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया जा सकता है कि आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिग पर 28 फीसद जीएसटी लगाया जाए। इसके अलावा देशभर में आनलाइन गेमिग और कसीनो का चलन बढ़ रहा है, देश में कई जगह कसीनो वैध हैं। ऐसे में आनलाइन गेमिग और कसीनो पर जीएसटी दरें बढ़ाई जा सकती हैं।

    काउंसिल की बैठक में होटल में एक हजार रुपये से कम का कमरा बुक कराने पर अब जीएसटी देना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव पर भी फैसला किया जाएगा। अभी होटल में एक हजार रुपये से कम किराए वाले रूम पर जीएसटी नहीं लगता है। होटल में 1,001 से 7,500 रुपये के कमरे की बुकिग पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। दरअसल एक हजार रुपये से कम किराए वाले रूम पर जीएसटी लगाने का उद्देश्य यह है कि ताकी जीएसटी की चोरी को रोका जाए। क्योंकि कई होटल संचालक जीएसटी की चोरी के लिए ग्राहक को तीन से पांच हजार का रूम नकद में एक हजार रुपये में देकर टैक्स की चोरी कर लेते हैं। ऐसे में एक हजार रुपये से कम के होटल रूम की बुकिग पर जीएसटी लगने से यह टैक्स चोरी काफी हद तक खत्म हो जाएगी। जीएसटी स्लैब में हो सकता है बदलाव

    प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बार बढ़ती महंगाई को देखते हुए जीएसटी स्लैब में जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं। कई वस्तुओं और सेवाओं में जीएसटी रेट अधिक होने के कारण लगातार इनमें संशोधन की मांग की जा रही है, जोकि समय-समय पर वित्त मंत्रालय के पास राज्यों और यूटी के जीएसटी विभाग के जरिए यह मांग वित्त मंत्रालय तक पहुंच रहीं थी। जीएसटी स्लैब में पांच फीसद को सात या आठ, 18 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक किया जा सकता है। इसके अलावा टेक्सटाइल्स में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने के प्रस्ताव चर्चा हो सकती है। बता दें वर्तमान में चार जीएसटी स्लैब हैं, इनमें पांच, 12, 18 और 28 फीसद का स्लैब है। 18 फीसद के स्लैब में 480 आइटम हैं, जिनमें से करीब 70 फीसद जीएसटी संग्रह आता है। इसके अलावा अनब्रांडेड और अनपैक्ड खाद्य पदार्थो जैसी वस्तुओं की एक छूट सूची है जो लेवी को आकर्षित नहीं करती हैं।