प्रकाश पर्व पर जत्थे को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं, केंद्र के फैसले से सिखों में भारी रोष
केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस वर्ष नवंबर में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान जाकर गुरुपर्व मनाने की उम्मीद लगाए सिख श्रद्धालुओं के जत्थे को पाकिस्तान भेजने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस फैसले से सिख समुदाय में निराशा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य संगठनों ने सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर इस वर्ष नवंबर में पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारा जाकर गुरुपर्व मनाने की उम्मीद लगाए सिख श्रद्धालुओं को बड़ा झटका लगा है।
केंद्र सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सिख जत्थे को पाकिस्तान भेजने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों को लिखा है कि सुरक्षा कारणों के चलते वे अपने-अपने राज्यों से जत्थे पाकिस्तान जाने की आज्ञा न दें।
केंद्र सरकार के इस फैसले से सिख समुदाय में नाराजगी की लहर दौड़ गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिरोमणि अकाली दल व कांग्रेस सहित कई संगठनों ने केंद्र से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
गृह मंत्रालय ने एसजीपीसी को पत्र लिखकर सूचित किया है कि मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान भेजना संभव नहीं है। सीमापार की स्थिति और क्षेत्रीय तनाव के कारण यह कदम उठाया गया है।
मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और भविष्य में हालात सामान्य होने पर तीर्थयात्रा की अनुमति पर विचार किया जाएगा।
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस फैसले को सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं पर चोट करार देते हुए कहा कि भारत व पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन हमें अपने धार्मिक स्थलों पर जाकर माथा टेकने की अनुमति नहीं मिल सकती।
उन्होंने मांग की कि सरकार करतारपुर कॉरिडोर फिर से खोलने व तीर्थयात्रा की अनुमति देने के लिए तत्काल कदम उठाए।
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