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    PGI चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार 7 फीट 7 इंच के लंबे व्यक्ति की हुई सर्जरी, ‘ग्रेट खली ऑफ जम्मू’ का हुआ उपचार

    Updated: Mon, 26 May 2025 10:22 PM (IST)

    चंडीगढ़ पीजीआई ने न्यूरो सर्जरी में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। अस्पताल ने 7 फीट 7 इंच लंबे और 160 किलो वजनी सुनील कुमार जिन्हें ग्रेट खली ऑफ जम्मू कहा जाता है का सफल ऑपरेशन किया। सुनील कुमार एक्रोमेगली नामक बीमारी से पीड़ित थे जिसका पीजीआई में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने पहली बार नाक के रास्ते ब्रेन सर्जरी की।

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    एक्रोमेगली नामक बीमारी से पीड़ित थे सुनील कुमार (फोटो- सोशल मीडिया)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआई ने न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि अर्जित की है। अस्पताल ने ‘ग्रेट खली आफ जम्मू’ कहे जाने वाले 7 फीट 7 इंच व 160 किलो वजनी 35 वर्षीय सुनील कुमार का दुर्लभ बीमारी का सफल आपरेशन किया है। सुनील जम्मू-कश्मीर पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं।

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    खली पिच्युएटरी ट्यूमर के कारण एक्रोमेगली नामक बीमारी से जूझ रहे थे और लंबे समय से उनका पीजीआइ में इलाज चल रहा था। सुनील कुमार पीजीआइ के इतिहास में अब तक के सबसे लंबे मरीज हैं। उनकी जटिल सर्जरी न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. राजेश छाबड़ा, डॉ. अपिंदरप्रीत सिंह व डॉ. शिल्पी बोस के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने की।

    डॉक्टरों ने बताया कि पिच्युएटरी ट्यूमर 10 लाख में से 5 से 7 लोगों को होता है। इस बीमारी में किशोरावस्था पार करने के बाद भी व्यक्ति का शरीर बढ़ता रहता है। इस दुर्लभ बीमारी के चलते व्यक्ति के हाथ, पैर व जबड़ों का आकार बेतरतीब ढंग से बढ़ता जाता है। डॉ. राजेश ने बताया कि सुनील जाइगैंटिज्म नामक अत्यंत दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे जिसमें अत्यधिक ग्रोथ हार्मोन के कारण शरीर असामान्य रूप से बढ़ता है।

    इस केस की विशेष बात यह रही कि पीजीआई में पहली बार एंडोस्कोपिक ट्रांसनैजल ब्रेन सर्जरी यानी नाक के रास्ते ब्रेन सर्जरी की गई। डाक्टरों की टीम ने बताया कि इतने लंबे शरीर का ऑपरेशन करना काफी चुनौतियों से भरपूर रहा। ऑपरेशन टेबल पर सुनील का शरीर फिट नहीं बैठ रहा था, ऐसे में डाक्टरों की टीम ने लोहे की सीढ़ियों की राड जोड़कर टेबल की लंबाई 8 फीट 6 इंच तक बढ़ाई।

    हड्डियों की मोटाई के चलते सामान्य उपकरणों की बजाय विशेष सर्जिकल टूल्स का उपयोग किया गया। चार घंटे चली इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रो. राकेश शंकर और एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. जे चाहल ने किया। सर्जरी से एक दिन पहले डाक्टरों की 10 सदस्यीय टीम ने डमी माडल पर रिहर्सल की थी।