सीएम कैप्टन अमरिंदर ने कहा, पंजाब में कोरोना से हुई मौतों की जांच करवाएगी सरकार
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में कोरोना से हुई मौतों की जांच कराई जाएगी। उन्होंने राज्य में कोरोना से मौतों को चिंताजनक बताया।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में कोरोना वायरस की वजह से हो रही मौत से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चिंतित है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में काेरोना से हुई मौतों की जांच करवाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरेक मौत की जांच करवाने के आदेश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने ने कहा कि राहत वाली बात है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में पंजाब का औसत देश के मुकाबले बेहतर है। देश में नौ दिनों में पॉजिटिव केस दो गुना हो गए थे, वहीं पंजाब में यह दर 16 दिन की है।
कहा, पंजाब की तुलना केरल और गुजरात से की जाए
यह जानकारी मुख्यमंत्री कैप्टन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दी। वह एआइसीसी की बैठक में हिस्सा ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने उच्च मृत्यु दर की जांच के आदेश देने के साथ ही कहा कि पंजाब में मृत्यु दर 6.2 फीसदी है। उच्च मृत्यु दर का कारण पीडि़तों को कोरोना के साथ अन्य बीमारियों का होना भी है। यही नहीं मरीजों के अस्पताल में देरी से पहुंचना भी बड़ा कारण है।
कैप्टन ने कहा कि उच्च मृत्यु दर के बावजूद पंजाब में कोविड-19 की वृद्धि की दर कम है क्योंकि पंजाब में 16 दिनों बाद मामलों की संख्या दोगुनी हुई है, जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 9 दिनों में मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च तक भारत के कुल मामलों में से पंजाब का हिस्सा 2.57 प्रतिशत था जोकि तीन हफ्तों बाद अब कम होकर 22 अप्रैल तक 1.22 प्रतिशत रह गया है। इसी तरह कोविड-19 की स्थिति पंजाब में बाकी देश की अपेक्षा बेहतर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की तुलना केरल और गुजरात से की जानी चाहिए क्योंकि वह भी और ज्यादा एनआरआइ आबादी वाले राज्य हैं। उन्होंने बताया कि प्रति मिलियन आबादी के मामलों के हिसाब से गुजरात की अपेक्षा पंजाब में स्थिति बेहतर है। यहां तक केरला की अपेक्षा भी कम मामले हैं। पंजाब में प्रति मिलियन 9 और केरला में प्रति मिलियन 12 मामले हैं।
नवांशहर बना देश के लिए नजीर
कैप्टन ने नवांशहर का उदाहरण दिया, जहां प्रभावशाली ढंग से पाबंदियां लगाकर बेहतर नतीजे सामने आए हैं। इसकी मीडिया व भारत सरकार ने भी सराहना की है। बता दें, नवांशहर जो देश के पहले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में से एक था, में 18 कोरोना पीडि़त मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। शुरुआत में ग्रंथी बलदेव सिंह की मृत्यु जरूर हुई थी, परन्तु 26 मार्च के बाद यहां कोई नया केस सामने नहीं आया।
3502 केसों की हुई रैपिट टेस्टिंग
रैपिड टेस्टिंग संबंधी मुख्यमंत्री ने बताया कि आइसीएमआर की तरफ से यह टेस्ट रोक देने के बारे में निर्देश देने से पहले राज्य में 3502 केस की जांच की गई थी। आइसीएमआर की तरफ से राज्य को अब तक 10500 रैपिड टेस्टिंग किटों की सप्लाई आ चुकी है। पंजाब सरकार की तरफ से 5000 और किटों के लिए टैंडर जारी किए गए हैं।
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