Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खुशखबरी! पंजाब में पंचायत कर्मचारियों को 10 तारीख से पहले मिलेगी पेंशन, बकाया भी होगा जारी

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 09:41 AM (IST)

    पंजाब सरकार ने जिला परिषदों व पंचायत समितियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की है। वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने घोषणा की है कि इन कर्मचारियों की पेंशन हर महीने की 10 तारीख से पहले उनके खातों में जमा होगी। इससे 3000 से अधिक पेंशनरों को लाभ होगा। लंबित बकाये भी जल्द ही चार किस्तों में जारी होंगे।

    Hero Image
    हर महीने की 10 तारीख से पहले सीधे बैंक खातों में आएगी पेंशन: वित्तमंत्री हरपाल चीमा

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य की जिला परिषदों व पंचायत समितियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने यहां घोषणा की कि इन कर्मचारियों के लिए पेंशन हर महीने की 10 तारीख से पहले सीधे उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस कदम से 3,000 से अधिक पेंशनरों को लाभ होने की उम्मीद है जिससे उन्हें समय पर और अनुमानित ढंग से उनके बकाये मिलते रहेंगे।हरपाल चीमा ने वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत नीति के अनुसार जिला परिषद व पंचायत समिति के कर्मचारियों व पेंशनरों के लंबित बकाये भी जल्द ही चार किस्तों में जारी करने की मंजूरी दे दी है।

    इन बकायों का भुगतान पंजाब सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले से स्थापित नीति ढांचे अनुसार किया जाएगा, ताकि विभागों में वित्तीय मामलों में समानता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।यह निर्णय फरवरी 2025 में पंजाब कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 14,000 करोड़ रुपये के बकाये जारी करने की मंजूरी के अनुसार है।

    इस राशि में 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2022 तक का संशोधित वेतन, पेंशन और लीव एनकैशमेंट तथा 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2024 तक का महंगाई भत्ता शामिल है। यह बड़ी राशि विभिन्न चरणों में वितरित की जा रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को आवश्यक राहत मिलेगी।

    वित्त मंत्री ने ये फैसले ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के सचिव अजीत बालाजी जोशी और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान लिए। इस बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग से संबंधित अन्य वित्तीय मामलों पर भी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे निर्णय सेवामुक्त और कार्यरत कर्मचारियों के सम्मान व अधिकारों को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।