चंडीगढ़ टैगोर थिएटर के 50 साल पूरे, जानें शहर के सबसे पुराने थिएटर का इतिहास, बिना माइक गूंजती थी आवाज
टैगोर थिएटर आडिटोरियम का निर्माण के बाद मौजूदा समय में मिनी रिहर्सल रूम स्टोर रूम हुआ करता था। शुरुआत में एक ही स्टेज और आडिटोरियम था लेकिन बाद में प्रशासन ने इसका दायरा बढ़ाते हुए गैलरी डायरेक्टर आफिस दूसरा मिनी आडिटोरियम और दो मिनी रिहर्सल रूम बनाए।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। Tagore Theater Chandigarh: 30 मई का दिन चंडीगढ़ के लिए बेहद खास है। क्योंकि चंडीगढ़ के पहले और सबसे पुराने टैगोर थिएटर की आज 50 साल पूरे हो रहे हैं। रविंदर नाथ टैगोर की 100वीं जयंती पर 1961 में देश भर में थिएटर की स्थापना हुई थी। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि रविंदर नाथ टैगोर कला और साहित्य प्रेमी थे, इसलिए उन्हें समर्पित देश भर में थिएटरों का निर्माण होना चाहिए। उनकी इसी सोच के चलते चंडीगढ़ के सेक्टर-18 में टैगोर थिएटर बनाया गया।
सेक्टर-18 शहर के बिल्कुल मध्य में स्थित है, ऐसे में यहीं टैगोर थिएटर का निर्माण किया गया। पंडित नेहरू का विचार था कि शहर के बीचों बीचे थिएटर होने से शहर के हर कौने से लोग आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। इसी सोच के साथ नेहरू ने थिएटर के लिए 1959 में जगह चयनित की और 30 मई 1961 में टैगौर थिएटर बनकर तैयार हुआ था। ऐसे में आज टैगोर थिएटर स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। इस खास मौके पर हम आपको थिएटर के बारे में वह सब कुछ बता रहे हैं जो शायद आपको किसी दूसरे को भी पता न हो।
थिएटर हाल में बिना माइक के गूंजती थी आवाज
साल 1961 में जिस समय टैगोर थिएटर को बनाया गया था तो उस समय थिएटर के भीतर जो स्टेज बनाया गया था वह उल्टी दिशा में था। वर्तमान में जहां पर स्टेज है पहले उस तरफ दर्शकों के बैठने की व्यवस्था थी। स्टेज ऊंची और दर्शकों के बैठने की जगह कम होने के चलते मंचन के दौरान कलाकारों की आवाज बिना माइक के भी थिएटर हाल में गूंजती थी। उस समय दर्शकों के बैठने के लिए सिर्फ संख्या 500 लोगों की थी, लेकिन बाद में स्टेज को बदलकर दर्शकों की बैठने वाली जगह पर बनाया गया और दर्शकों के बैठक की व्यवस्था दूसरी तरफ की गई।
मिनी रिहर्सल रूम में था स्टोर रूम
टैगोर थिएटर आडिटोरियम का निर्माण के बाद मौजूदा समय में मिनी रिहर्सल रूम स्टोर रूम हुआ करता था। शुरुआत में एक ही स्टेज और आडिटोरियम था, लेकिन बाद में प्रशासन ने इसका दायरा बढ़ाते हुए गैलरी, डायरेक्टर आफिस, दूसरा मिनी आडिटोरियम और दो मिनी रिहर्सल रूम बनाए।
कोलकाता से विशेष तौर पर लाए थे रविंद्र नाथ टैगोर की फोटो
टैगोर थिएटर निर्माण के बाद पहले डायरेक्टर रजनीश वत्स ने आडिटोरियम के प्रवेश द्वार पर रविंद्र नाथ टैगोर की एक फोटो स्थापित की थी। इस फोटो को कोलकाता में रविंदर नाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांति निकेतन स्कूल से लाए थे, जो कि अब विश्वभारती यूनिवर्सिटी का हिस्सा बन चुका है।
तीन डायरेक्टर ने संभाला टैगोर थिएटर का काम
टैगोर थिएटर निर्माण के बाद पहले डायरेक्टर गवर्नमेंट कालेज आफ आर्किटेक्चर सेक्टर-12 के पूर्व प्रिंसिपल रजनीश वत्स रहे। उनके बाद कुलदीप शर्मा और वर्तमान में चक्रेश कुमार टैगोर थिएटर डायरेक्टर हैं।
कई बालीवुड हस्तियों ने दी यहां प्रस्तुति
टैगोर थिएटर चंडीगढ़ का सबसे पुराना थिएटर है। इस थिएटर से बहुत से कलाकार निकले हैं जो आज बालीवुड में अपनी पहचान बना चुके हैं। इसके अलावा टैगोर थिएटर में बालीवुड कलाकार पृथ्वी राज कपूर, अभिनेता नसीरूद्दीन शाह, राज बब्बर, अभिनेत्री नादिरा बब्बर, पंकज कपूर, सतीश कौशिक, अनुपम खेर, बीएन शर्मा समते कई बालीवुड हस्तियां प्रस्तुति दे चुकी हैं।
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