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    अमृतसरी कुलचे को GI टैग दिलाने की तैयारी, पंजाब की थाली से गायब हो रहा अनाज

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 04:21 PM (IST)

    पंजाब में मशहूर अमृतसरी कुलचे को जीआई टैग मिलने की उम्मीद है जिससे इसकी प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब की थाली में अनाज की मात्रा घट रही है और वसा की मात्रा बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोटीन का मुख्य स्रोत अनाज है जबकि शहरी क्षेत्रों में भी यही रुझान है।

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    अमृतसरी कुलचे को जीआई टैग दिलाने की तैयारी (Social Media Photo)

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। राज्य की परंपरागत व्यंजनों की असली पहचान को सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते फूड प्रोसेसिंग विभाग अब मशहूर अमृतसरी कुलचे को ज्योग्राफिकल इंडीकेशन (जीआई) टैग दिलाने की तैयारी कर रहा है। जीआई टैग वह पहचान है, जो किसी उत्पाद को उसकी भौगोलिक उत्पत्ति, विशेष गुण या ख्याति के आधार पर दी जाती है।

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    केवल असली अमृतसरी कुलचे को ही जीआई टैग का इस्तेमाल करने की जैसे दार्जिलिंग चाय, बनारसी साड़ी या नागपुर का संतरा। केवल असली अमृतसरी कुलचे को ही जीआई टैग का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी।

    पंजाब की थाली से अनाज गायब

    उधर, भारत के अन्न भंडार कहलाने वाले पंजाब की थाली से अनाज गायब हो रहे हैं और उसकी जगह वसा (फैट) की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की भारत में पोषण सेवन 2022-23 और 2023-24 रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

    ग्रामीण क्षेत्रों में 39 फीसदी प्रोटीन अनाज से, 22.5 फीसदी दूध से और 24 फीसदी मांस से आया। शहरी पंजाब में भी यही रुझान देखा गया।

    विशेषज्ञों का कहना है कि यह आहार पैटर्न शहरीकरण और बदलती जीवनशैली का संकेत है। लेकिन वसा की अधिक मात्रा, विशेषकर संतृप्त वसा, हृदय रोग, मोटापा और अन्य गैर-संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।

    मंत्रालय की रिपोर्ट भारत में पोषण खपत 2022-23 और 2023-24 के अनुसार, पंजाब में कैलोरी का सबसे कम हिस्सा अनाज से मिलता है, जबकि वसा (फैट) की खपत देश में सबसे ज्यादा राज्यों में गिनी जाती है।

    अनाज से सबसे कम कैलोरी ग्रामीण पंजाब की आबादी को उनकी कुल दैनिक कैलोरी का केवल 35.5 फीसदी अनाज से मिला, जबकि शहरी पंजाब में यह आंकड़ा 34.7 फीसदी रहा।

    अनाज पर कम खर्च कर रहा पंजाब

    यह देश में सबसे कम है। इसके विपरीत ग्रामीण ओडिशा में 57 फीसदी से अधिक कैलोरी अनाज से प्राप्त हुई। खर्च के मामले में भी पंजाब में अनाज पर सबसे कम राशि खर्च की गई। ग्रामीण परिवारों में केवल 2.6 फीसदी और शहरी परिवारों में 2.9 फीसदी खर्च अनाज पर हुआ।

    राष्ट्रीय औसत क्रमशः 5 फीसदी (ग्रामीण) और 3.8 फीसदी (शहरी) था। वसा की खपत सबसे अधिक2023-24 में पंजाब के ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति 75.4 ग्राम और शहरी इलाकों में 80.9 ग्राम वसा प्रतिदिन उपभोग की गई।

    यह राष्ट्रीय औसत (60.4 ग्राम ग्रामीण और 69.8 ग्राम शहरी) से कहीं अधिक है। वसा की सबसे अधिक खपत शहरी हरियाणा (83.8 ग्राम) में दर्ज हुई। वहीं झारखंड और ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में यह सबसे कम रही।

    कैलोरी और प्रोटीन खपत पंजाब में औसत कैलोरी खपत 2023-24 में ग्रामीण क्षेत्रों में 2300 किलो कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2365 किलो कैलोरी रही, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ी अधिक है।

    प्रोटीन खपत भी मजबूत रही। ग्रामीण पंजाब में 66.3 ग्राम और शहरी पंजाब में 68 ग्राम प्रतिदिन। यह राष्ट्रीय औसत (61.8 ग्राम ग्रामीण और 63.4 ग्राम शहरी) से अधिक है। आहार में विविधता पंजाब में प्रोटीन का स्रोत अब अधिक विविध हो गया है।