डेंगू के लारवा को खा जाएगी गंबूजिया, निश्शुल्क बांट रहा प्रशासन
अगर आपके घर के आस-पास कहीं पानी जमा है और उसमें मच्छर पैदा होने की संभावना है या घर के अंदर ही मच्छर हैं तो यह डेंगू फैला सकते हैं। इनसे बचने के लिए प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
अगर आपके घर के आस-पास कहीं पानी जमा है और उसमें मच्छर पैदा होने की संभावना है या घर के अंदर ही मच्छर हैं तो यह डेंगू फैला सकते हैं। इनसे बचने के लिए प्रशासन ने नायाब तरीका खोज लिया है। मच्छर किलर मछली गंबूजिया ऐसी सभी जगहों पर छोड़ी जाएगी। इसकी शुरुआत शुक्रवार को सिटी फॉरेस्ट एरिया में वॉटर बॉडी के अंदर गंबूजिया फिश को छोड़कर की गई। पहली अक्तूबर को यह कदम उठाते हुए डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट डा. अब्दुल क्यूम, एनिमल हस्बेंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमेंट के डायरेक्टर मनीष कुमार लोहान और ज्वाइंट डायरेक्टर डा. कंवरजीत सिंह ने इन्हें रिलीज किया।
डा. अब्दुल क्यूम ने एनिमल हस्बेंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमेंट के इस प्रयास को सराहा। यह सुखना वेटलैंड में इकोलॉजी कंजर्वेशन में सहायक होगा। फिशरीज डिपार्टमेंट अप्रैल से सितंबर तक इस मछली को तैयार करता है। अक्तूबर में इसे छोड़ा जाता है। नॉर्थ रीजन में यही सीड फार्म करता है उत्पादन
डा. क्यूम ने बताया कि सुखना रेगुलेटरी एंड पर बना गवर्नमेंट फिश सीड फार्म नॉर्थ रीजन का इकलौता ऐसा फार्म है यह दुर्लभ मछली तैयार करता है। इसे फॉरेस्ट, हेल्थ और आम पब्लिक को निश्शुल्क सप्लाई करता है। बता दें कि डिपार्टमेंट इसे दूसरे राज्यों को भी सप्लाई करता रहा है। मछली एक दिन में खा जाती है 300 लारवा
एनिमल हस्बेंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर डा. कंवरजीत सिंह ने बताया कि डिपार्टमेंट का लक्ष्य वायरस को फैलाने वाले मच्छरों को नियंत्रित करना है। मादा एडीज मच्छर ही डेंगू फैलाता है। गंबूजिया मछली रोजाना 100 से 300 मच्छरों का लारवा खा जाती है। यह मछली बहुत छोटी होती है जो खाने योग्य नहीं होती। जो मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए बायोलॉजिकल टूल है। यह मछली एडल्ट मच्छर बनने से पहले ही लारवा को खा जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह सुखना लेक के रेगुलेटरी एंड पर बने फिश सीड फार्म से यह मछली ले सकते हैं। वह इन्हें आस-पड़ोस में रुके पानी, घर के अंदर आर्टिफिशियल फाउंटेन और पोंड में रख सकते हैं।

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