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    G20 Summit: चंडीगढ़ में पहली बार होगी जी-20 ग्रुप मीटिंग, पंजाब राजभवन व यूटी गेस्ट हाउस में तैयारियां शुरू

    By Balwan SinghEdited By: Ankesh Thakur
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 07:27 AM (IST)

    G20 Summit in India पहली बार जी-20 ग्रुप मीटिंग चंडीगढ़ में होने जा रही है। जी-20 की अहम बैठक इस बार चंडीगढ़ में भी होगी। विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इसके लिए चंडीगढ़ आएंगे। इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।

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    जी-20 ग्रुप मीटिंग के लिए चंडीगढ़ में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सांकेतिक फोटो

    बलवान करिवाल, चंडीगढ़। भारत जी-20 (20 देशों का समूह) ग्रुप की अध्यक्षता करने जा रहा है। इंडोनेशिया से यह अध्यक्षता दिसंबर 2022 में भारत ग्रहण करेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि जी-20 की अहम बैठक इस बार चंडीगढ़ में भी होगी। विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इसके लिए चंडीगढ़ आएंगे। इन विदेशी और देश के मेहमानों के स्वागत और बैठक आयोजन की तैयारियां यूटी प्रशासन ने अभी से शुरू कर दी हैं। दिसंबर के आखिर में यह मीटिंग चंडीगढ़ में होनी है।

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    इससे पहले विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय यूटी प्रशासन के अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। एडवाइजर धर्म पाल अपने स्तर पर भी अधिकारियों से तैयारियों पर चर्चा के बाद जरूरी दिशानिर्देश दे रहे हैं।

    कैपिटल कांप्लेक्स और राक गार्डन देखेंगे मेहमान

    यूनोस्को की विश्व धरोहर कैपिटल कांप्लेक्स और वेस्ट टू बेस्ट के नायाब उदाहरण राक गार्डन वाले चंडीगढ़ में मीटिंग होगी। इस दौरान कार्यक्रम या दौरे कैपिटल कांप्लेक्स में होंगे। चंडीगढ़ में इन मेहमानों के रुकने के लिए शाही तैयारी शुरू की गई है। यूटी गेस्ट हाउस के साथ, होटल माउंट व्यू, पंजाब राजभवन सहित कई बड़े होटल में भी यह मेहमान ठहर सकते हैं। चंडीगढ़ के साथ ही समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता वाले खजुराहो जैसे शहरों सहित महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक में भारत ने अपनी वार्षिक अध्यक्षता के दौरान देशभर में 55 स्थानों पर जी-20 बैठकों के आयोजन की तैयारी कर ली है। इन बैठकों के लिए चंडीगढ़ सहित अन्य प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों को चुनने का कारण धरोहर स्थलों के महत्व को विश्व पटल पर लाना है। इससे चंडीगढ़ सहित इन देशों के पर्यटन स्थलों को महत्व मिलेगा। इसलिए मीटिंग से पहले या बाद में चंडीगढ़ आने वाले सभी मेहमानों को कैपिटल कांप्लेक्स का टूर कराने के साथ राक गार्डन और चंडीगढ़ शहर को दिखाया जाएगा।

    विश्व पटल पर चंडीगढ़

    जी-20 मीटिंग से पहले वर्ष 2015 में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति चंडीगढ़ आए थे उनका स्वागत करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंडीगढ़ आए थे। चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की अहम मीटिंग भी हो चुकी है। जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित काउंसिल के सदस्य और राज्यों के प्रतिनिधि अधिकारी पहुंचे थे। पहली बार एयर फोर्स डे पर एयर शो चंडीगढ़ में हुआ। गवर्नर कान्फ्रेंस भी चंडीगढ़ में होनी थी लेकिन बाद में दिल्ली हुई। चंडीगढ़ लगातार विश्व पटल पर छा रहा है।

    शिखर सम्मेलन के साथ समापन

    दिसंबर 2022 में अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ ही मीटिंग का दौर शुरू होगा। पूरे वर्ष में अध्यक्षता के दौरान जी-20 देशों के अधिकारियों, उद्याेगपतियों और विशेषज्ञों की 200 से अधिक बैठक होनी हैं। आखिर में समापन वर्ष 2023 में नौ और 10 सितंबर को वार्षिक शिखर सम्मेलन के साथ हो जाएगा।

    यहां होंगी बैठकें

    चंडीगढ़, कच्छ के रण, सिलीगुड़ी, हम्पी, खजुराहो, लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, वाराणसी, आगरा, अमृतसर, कोच्चि, इंदौर, गुजरात के कच्छ, श्रीनगर, देहरादून, शिमला, हैदराबाद में यह बैठक होंगी।

    इन सदस्य देशों के प्रतिनिधि होंगे मेहमान

    जी-20 समूह में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस बार बांग्लादेश, मिस्र, मारीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा।

    1999 में बना संगठन

    जी-20 का गठन वर्ष 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट को देखते हुए किया गया था। इसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है। साथ में जी-20 देशों में दुनिया की 60 फीसद आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80 फीसद और वैश्विक व्यापार का 75 फीसद शामिल है।

    इन विषयों पर होगी चर्चा

    • समावेशी, न्याय संगत और सतत विकास
    • जीवन (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)
    • महिला सशक्तीकरण स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा से लेकर वाणिज्य तक के क्षेत्रों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एवं तकनीक
    • सक्षम विकास
    • कौशल, संस्कृति और पर्यटन 
    • जलवायु वित्तपोषण
    • चक्रीय अर्थव्यवस्था
    • वैश्विक खाद्य सुरक्षा
    • ऊर्जा सुरक्षा
    • ग्रीन हाइड्रोजन
    • आपदा जोखिम में कमी एवं अनुकूलन
    • विकासात्मक सहयोग
    • आर्थिक अपराध के विरुद्ध लड़ाई और बहुपक्षीय सुधार