सेना का भगोड़ा जवान निकला नार्को आतंकी मॉड्यूल का अहम मोहरा, सिरसा ग्रेनेड हमले में भी था हाथ; हथियार बरामद
चंडीगढ़ में, पंजाब पुलिस ने एक नार्को-आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए सेना के एक भगोड़े जवान को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी राज्य में नशीली दवाओ ...और पढ़ें
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सेना का भगोड़ा जवान निकला नार्को आतंकी मॉड्यूल का अहम मोहरा। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल (एसएसओसी) ने नार्को-आतंक के खतरनाक नेटवर्क का राजफाश किया है। इस आपरेशन में सेना से फरार एक जवान और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे हैंड ग्रेनेड, पिस्टल और 907 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है।
गिरफ्तार आरोपित पाकिस्तान के आतंकी-तस्कर नेटवर्क से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि एसएसओसी मोहाली की टीम ने सेना के भगोड़े जवान राजबीर सिंह उर्फ फौजी को बिहार के मोतिहारी जिले के रक्सौल कस्बे से गिरफ्तार किया। आरोपी नेपाल के रास्ते देश से फरार होने की फिराक में था। उसकी तलाशी के दौरान 500 ग्राम हेरोइन और एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया।
इससे पहले पुलिस ने उसके सहयोगी चिराग को गिरफ्तार किया था, जो फाजिल्का के काशी राम कालोनी का निवासी है। चिराग के पास से 407 ग्राम हेरोइन और एक 9 एमएम पिस्टल बरामद हुई। जांच में यह सामने आया है कि चिराग राजबीर के लिए कूरियर का काम करता था। डीजीपी के अनुसार, राजबीर सिंह ने वर्ष 2011 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। वर्ष 2025 में अमृतसर ग्रामीण के घरिंडा थाने में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज जासूसी के मामले में नाम आने के बाद वह फरवरी 2025 में सेना से फरार हो गया था।
जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपितों का हरियाणा के सिरसा में महिला पुलिस थाने पर हुए ग्रेनेड हमले की साजिश में भी हाथ था। डीजीपी ने बताया कि राजबीर और चिराग ने अमृतसर ग्रामीण निवासी गुरजंत सिंह को हैंड ग्रेनेड मुहैया कराए थे।
गुरजंत को हरियाणा पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। हमले के लिए आर्थिक मदद भी चिराग के जरिए पहुंचाई गई थी, जिसे आगे हमलावरों तक पहुंचाया गया। एसएसओसी की एआईजी डी सुदरविझी ने बताया कि वर्ष 2022 में राजबीर इंटरनेट मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के संपर्क में आया था।
हेरोइन की खेपों तक पहुंच के बदले वह संवेदनशील और गोपनीय सैन्य जानकारियां साझा कर रहा था। इतना ही नहीं, उसने अन्य सैन्य कर्मियों को भी इन हैंडलरों से मिलवाया। मामला दर्ज होने के बाद राजबीर नेपाल में छिप गया और पंजाब-नेपाल के बीच आवाजाही करते हुए नशा तस्करी जारी रखी। उसके पाकिस्तान स्थित हैंडलर उसे नेपाल के रास्ते यूरोप भेजने की तैयारी में थे। ट्रांजिट रिमांड पर उसे पंजाब लाया गया है।

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