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गीतकार शमशेर संधू बोले, गायकों से जुड़े अनुभवों पर लिखूंगा किताब Chandigarh News

गीतकार शमशेर संधू ने पंजाब कला भवन-16 में आयोजित कार्यक्रम तेरे सनमुख में अपनी गीतकारी से जुड़े सफर को साझा किया।

By Edited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 09:07 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:59 AM (IST)
गीतकार शमशेर संधू बोले, गायकों से जुड़े अनुभवों पर लिखूंगा किताब Chandigarh News
गीतकार शमशेर संधू बोले, गायकों से जुड़े अनुभवों पर लिखूंगा किताब Chandigarh News

जेएनएन, चंडीगढ़। मेरे कुल 500 गीतों में से 154 गीत सुरजीत बिंदरखिए ने गाए। उसके साथ तो ऐसा लगाव हो जाता कि हर गीत उसके लिए ही लिखने लगा था। वो आता और कहता कि ऐसा कुछ लिखो, वैसा कुछ लिखो। मगर उसने जब अपनी जुबान पर मेरे गीत लाए तो वे हिट हो गए। मुझे खुशी है कि इस तरह के कलाकार मुझे मिले। गीतकार शमशेर संधू ने कुछ इसी अंदाज में अपनी गीतकारी से जुड़े सफर को साझा किया। पंजाब कला भवन-16 में आयोजित कार्यक्रम तेरे सनमुख में वह गीतकार धरम कमेयाणा के साथ अपनी यात्रा पर बात करने पहुंचे।

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नौ पीढ़‍ियों के गायकों के साथ किया काम

शमशेर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्होंने पंजाबी गायिकी की नौ पीढि़यों के लिए लिखा है। इसमें जगमोहन कौर, गुरदास मान, हंसराज हंस, सरदूल सिकंदर, सरबजीत कोकेवाली, मनमोहन वारिस, सरबजीत चीमा, सतविंदर बिट्टी, सुरिंदर लाडी जैसे गायक प्रमुख हैं। मैं चाहता हूं कि इन सभी गायकों से जुड़े अनुभवों पर आधारित एक किताब लिखूंगा।

गीतकारों को नहीं मिलती साहित्यकारों जैसी इज्जत

कार्यक्रम में धरम बोले कि मैंने कभी लचरता और नशे से जुड़े गीत नहीं लिखे। मैंने हमेशा कोशिश की है कि पंजाब से जुड़े मुद्दों को अपने गीतों में दिखाऊं। मगर मुझे एक समस्या है कि आज भी साहित्यकार गीतकारों को साहित्यकार नहीं समझते ।जबकि ये भी एक विधा ही है साहित्य की। कार्यक्रम के अंत में परिषद के अध्यक्ष सुरजीत पात्तर ने कहा कि दोनों ही गीतकारों के पास पंजाबी गायिकी के इतिहास से जुड़ी कई रोचक जानकारी है। ये इतिहास हमें सहेज कर रखना चाहिए। दोनों की ही बातचीत से यूं लगा कि पिछले जमाने में पहुंच गए हैं।

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