Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fraud in Ayushman Yojana: पंजाब में आयुष्मान भारत में जालसाजी, अस्पतालों के 26 प्रतिशत दावे फर्जी निकले

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 07 Aug 2022 11:42 AM (IST)

    Fraud in Ashushman Yojana पंजाब में आयुष्‍मान भारत योजना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में राज्‍य में आयुष्‍मान भारत योजना के तहत अस्‍पतालों के 26 प्रतिशत दावे फर्जी बिल पाए गए हैं। पंजाब सरकार ने 250 करोड़ रुपये के बिल के भुगतान पर रोक लगा दी है।

    Hero Image
    पंजाब में आयुष्‍मान योजना के तहत अस्‍पतालों के 26 प्रतिशत बिल फर्जी पाए गए हैं। (सांकेतिक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Fraud in Ayushman Yojana: पंजाब में आयुष्‍मान याेजना के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अस्‍पतालों के इस योजना के तहत दिए गए 26 प्रतिश बिल फर्जी पाए गए हैं। इाके बाद पंजाब सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने निजी अस्पतालों के लगभग 250 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान पर रोक लगा दी है। पंजाब के 4,812 (26 प्रतिशत) दावे ऐसे हैं, जिनमें किसी न किसी तरह की अनियमितता है। यह दावे फर्जी पाए गए हैं। सरकार ने फर्जी दावे पेश करने वाली स्वास्थ्य एजेंसियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले में राज्य सरकार विजिलेंस जांच भी करवा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब सरकार ने 250 करोड़ रुपये के भुगतान पर लगाई रोक

    योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को पांच लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है। बीते वर्ष मार्च 2021 में पंजाब विजिलेंस ने इस योजना के तहत करोड़ों रुपये के एक घोटाले का भंडाफोड़ किया था, जिसमें निजी अस्पतालों ने स्मार्ट हेल्थ कार्ड रखने वाले लाभार्थी रोगियों के इलाज के लिए नकली बिल जमा करके दावे हासिल किए थे।

    विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार एक मरीज को पित्ताशय के आपरेशन के लिए कपूरथला के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने उससे कहा कि उसका इलाज एक स्मार्ट कार्ड से नहीं किया जा सकता है। उसे 25 हजार रुपये नकद जमा करने के लिए कहा गया था या उपचार का लाभ लेने के लिए छह-सात आयुष्मान कार्ड सौंपने को कहा गया। मजबूरी में मरीज के स्वजनों ने तीन कार्ड जमा कराए, जिनका गलत इस्तेमाल किया गया।

    एक अन्य मामले में एक प्राइवेट अस्पताल ने जालंधर निवासी एक व्यक्ति के नाम पर 22 हजार रुपये के फर्जी मेडिकल बिल का दावा किया। उसे पित्ताशय की पथरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से सर्जरी नहीं हो सकी।

    पंजाब में 682 प्राइवेट अस्पताल और 245 सरकारी अस्पताल इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। इस योजना को लेकर पिछले कई दिनों से खींचतान चल रही है। पीजीआइ ने योजना के तहत पंजाब के मरीजों का इलाज बंद करने की बात कही थी, क्योंकि योजना के तहत पैसों का भुगतान नहीं हुआ था। बाद में सरकार के आश्वासन पर सेवा शुरू की गई।

    हरियाणा और हिमाचल में भी पाए गए फर्जी केस

    पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। हरियाणा में 1349, जबकि हिमाचल प्रदेश में दो मामले सामने आए हैं। केंद्र ने तीनों राज्यों को फर्जी बिल भेजने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

    भगवंत मान का दावा, अगले साल योजना की जरूरत नहीं रहेगी

    आयुष्मान भारत योजना को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि अगले साल इस योजना की जरूरत नहीं पडे़गी। राज्य में खोले जा रहे मोहल्ला क्लीनिकों में ही मरीज ठीक हो जाएंगे। ध्यान रहे कि आयुष्मान भारत योजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त खर्च पर चलती है। पंजाब सरकार ने कई अस्पतालों को उनका भुगतान नहीं किया है, जिस कारण कई अस्पतालों ने इलाज बंद कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब अपने बलबूते पर मरीजों का इलाज करेगा। दिल्ली और बंगाल में सब का इलाज मुफ्त होता है।