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    मोगा सेक्स स्कैंडल मामला: पूर्व एसएसपी सहित चार पुलिस अधिकारी दोषी करार, 4 अप्रैल को होगा सजा का एलान

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 02:00 AM (IST)

    लुधियाना के जगराओं की रहने वाली एक नाबालिग ने मोगा में अप्रैल 2007 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई थी। कोर्ट में धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज कराए गए बयानों में युवती ने लगभग 50 अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। अब मामले में चार पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है। दोषियों को सजा चार अप्रैल को सुनाई जाएगी।

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    बहुचर्चित मोगा सेक्स स्कैंडल नाम से चर्चित मामले में चार पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली की सीबीआइ अदालत ने बहुचर्चित मोगा सेक्स स्कैंडल नाम से चर्चित मामले में चार पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है। जबकि अकाली नेता बरजिंदर सिंह मक्खन बराड़ व अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। दोषियों को सजा चार अप्रैल को सुनाई जाएगी।

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    चारों पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लेकर जेल भेजा

    वहीं दोषी करार दिए जाने के बाद चारों पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। इस पूरे मामले में एफआइआर दर्ज कराने वाली नाबालिग लड़की के विरुद्ध किशोर न्यायालय में एक अलग मामला लंबित है।

    एक नाबालिग ने मोगा में लगाया 50 लोगों पर दुष्कर्म का आरोप

    लुधियाना के जगराओं की रहने वाली एक नाबालिग ने मोगा में अप्रैल 2007 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई थी। कोर्ट में धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज कराए गए बयानों में युवती ने लगभग 50 अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

    12 नवंबर 2007 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की युगल पीठ ने स्थिति रिपोर्ट मिलने के बाद तत्कालीन एसएसपी मोगा व डीआइजी फिरोजपुर रेंज को नोटिस जारी करते हुए मामला सीबीआइ को सौंप दिया था। सीबीआई ने 11 दिसंबर 2007 को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।

    अमीर व निर्दोष लोगों को फंसाने का खेल खेला

    आरोप है कि मोगा की दो सप्लायर महिलाओं के आपसी विवाद के कारण पुलिस से शिकायत की थी। बाद में आरोप लगा कि शिकायत की आड़ में तत्कालीन एसएसपी मोगा दविंदर सिंह गरचा, तत्कालीन एसपी परमदीप सिंह, जांच के दौरान मोगा सिटी थाने बतौर एसएचओ तैनात रहे अमरजीत सिंह व रमन कुमार पर गंभीर आरोप लगे।

    निर्दोष लोगों को फंसाने का खेल खेलना शुरू

    इन्होंने पूर्व अकाली मंत्री तोता सिंह के बेटे बरजिंदर सिंह बराड़ उर्फ मक्खन व अन्य लोगों के साथ मिलकर अमीर व निर्दोष लोगों को फंसाने का खेल खेलना शुरू किया था। झूठी एफआइआर दर्ज कर निर्दोष लोगों को केस से बाहर निकालने के लिए रिश्वत ली।

    मनजीत कौर की 2018 में कर दी थी हत्या

    मामले में गवाह की हो गई थी हत्या मामले में धर्मकोट की महिला मनजीत कौर को सरकारी का गवाह बनाया गया था पर बाद में वह मुकर गई। इस कारण उसके खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई शुरू की गई थी। मनजीत कौर और उसके पति की 21 सितंबर 2018 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

    दोषी करार दिए गए अधिकारी

    • तत्कालीन एसएसपी मोगा दविंदर सिंह गरचा
    • तत्कालीन एसपी (हेडक्वार्टर) मोगा परमदीप सिंह संधू
    • तत्कालीन एसएचओ, थाना सिटी मोगा रमन कुमार
    • तत्कालीन एसएचओ, पुलिस स्टेशन सिटी मोगा इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह