ग्रीन चंडीगढ़ एक्शन प्लान में लगाए जाएंगे चार लाख पौधे; प्रशासन, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और नगर निगम ने रखा लक्ष्य
यूटी प्रशासन ने ग्रीन चंडीगढ़ एक्शन प्लान तैयार किया है। इस एक्शन प्लान में नए पौधे लगाने से लेकर पुराने पेड़ों की देखभाल और किए कार्यों की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी शामिल करनी होती है। हर साल बताना होता है कि पिछले साल निर्धारित किए लक्ष्यों पर कितना काम हुआ।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ अपने मॉर्डन आर्किटेक्चर वर्क के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसके मॉर्डन स्वरूप को असल में ग्रीनरी ने निखारा है। यही ग्रीनरी अब शहर का सबसे बड़ा आभूषण बन रही है। अब सबसे बड़ी चुनौती इस आभूषण को बचाने की है। इसका कारण यह है कि कुल पेड़ों में से बड़ा फीसद अब पुराने पेड़ों का है। ऐसे में अगर इनके साथ नए पौधों को तैयार नहीं किया गया तो यह शहर भी कंक्रीट इंफ्रास्ट्रक्चर का दिखने लगेगा।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूटी प्रशासन ने ग्रीन चंडीगढ़ एक्शन प्लान तैयार किया है। इस एक्शन प्लान में नए पौधे लगाने से लेकर पुराने पेड़ों की देखभाल और किए कार्यों की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी शामिल करनी होती है। हर साल बताना होता है कि पिछले साल निर्धारित किए लक्ष्यों पर कितना काम हुआ।
पिछले सालों में यह काम किए
इस प्लान के तहत पूरे शहर में ऐसी सभी जगहों का चयन किया जाता है, जहां पौधे लगाए जा सकते हैं। इनमें राउंड अबाउट से लेकर सड़कें, ग्रीन बेल्ट, कम्युनिटी सेंटर इत्यादि शामिल रहते हैं। 2017-18 में कुल दो लाख 35 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया था, जिससे ज्यादा पौधे लगाए गए। अब वर्ष 2021-22 के लिए तो लक्ष्य चार लाख पौधे तक पहुंच गया है। सुखना कैचमेंट और वाइल्ड लाइफ एरिया सहित दूसरी जगहों पर बरसाती सीजन में चार लाख बीजों की बुआई होगी। वन महोत्सव के दौरान जुलाई में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर इस एक्शन प्लान को लांच करेंगे।
क्वार्टरली प्लान होगा लागू
चंडीगढ़ के पुराने सेक्टर ज्यादा डेवलप और ग्रीन हैं। कई बार साउथ के सेक्टर आरोप लगाते रहते हैं कि उनके साथ विकास में भेदभाव हो रहा है। स्वच्छा से लेकर दूसरे काम सही नहीं होते। साउथ के सेक्टर चंडीगढ़ में बाद में बने हैं। इसलिए यह सेक्टर सुखना लेक के साथ लगते सेक्टरों जैसे नहीं दिखते। इनको हरा-भरा करने पर प्रशासन का ज्यादा फोकस रहेगा। एक्शन प्लान के तहत इन सेक्टरों में सबसे ज्यादा पौधरोपण होगा। इन सेक्टरों में एरिया वाइज अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इस पूरे एक्शन प्लान की टाइमलाइन निर्धारित की जाती है। पर्यावरण विभाग दूसरे क्वार्टर में जुलाई से सितंबर तक पहले पौधे लगाएगा और बीजों की बुआई करेगा। इसके अलावा जनवरी से मार्च तक चौथे क्वार्टर में पेड़ों की छंटाई करेगा। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट दूसरे और तीसरे क्वार्टर में पौधे लगाएगा।
स्कूलों के ईको क्लब निभाएंगे अहम भूमिका
स्कूलों और कॉलेज के ईको क्लब इस एक्शन प्लान को लागू करने में अहम भूमिका निभाएंगे। एक्शन प्लान लागू करने के लिए प्रशासन ने लोगों को प्रेरित करने और स्टूडेंट्स को इससे जोड़ने की योजना बनाई है जिससे उनका प्रकृति से जुड़ाव हो। पार्टनरशिप इनिशिएटिव प्रोग्राम (पीआइपी) के तहत विभिन्न एनजीओ और संस्थाओं से पौधे लगाने और जागरुकता बढ़ाने के लिए संपर्क किया जाएगा। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, ईको क्लब, एनएसएस वॉलंटियर्स को भी अभियान से जोड़ने की रणनीति बनाई गई है। यह सभी अभियान का हिस्सा होंगे।
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