विवाद के बाद पंजाब के पूर्व IPS कुंवर विजय प्रताप सिंह बार काउंसिल की अनुशासन समिति से हटे
पंजाब में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके पूर्व आइपीएस अफसर कुंवर विजय प्रताप सिंह को पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी का सदस्य बनने ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। बार काउंसिल आफ पंजाब एंड हरियाणा ने पंजाब के पूर्व आइपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को शुक्रवार को वकालत का लाइसेंस देने के साथ ही उनको बार काउंसिल की अनुशासन समिति का सदस्य बनाया था। हाई कोर्ट के वकीलों व इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स की ओर से इस फैसले को वापस लेने की मांग के बाद विवाद खड़ो गया था। वकीलों के विरोध के कारण और कुंवर विजय प्रताप सिंह के आग्रह पर बार काउंसिल ने उन्हें पद हटाने का निर्णय लिया है। कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बार काउंसिल को ईमेल भेज कर उनकी नियुक्ति पर आपत्तियों की बात कहते हुए खुद को पद से हटाने का आग्रह किया था।
इससे पहले, इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स पंजाब एंड हरियाणा इकाई ने कुंवर की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। इकाई ने कहा था कि हाई कोर्ट ने कोटकपूरा फायरिंग मामले में कुंवर की जांच को रद करते हुए उनके खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी की थी। जिसकी जांच पर हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए हों, उसे बार काउंसिल की अनुशासन समिति का सदस्य कैसे नियुक्त किया जा सकता है। कैसे सबसे जूनियर वकील को वरिष्ठ वकीलों की जांच सौंपी जा सकती है।

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव बलतेज सिंह सिद्धू ने भी बार काउंसिल के चेयरमैन को भेजी शिकायत में कहा था कि कुंवर विजय प्रताप सिंह को वकालत का एक घंटे का अनुभव नहीं है। ऐसे में कैसे उन्हें बार काउंसिल की अनुशासन समिति में शामिल किया जा सकता है। यह समिति वकीलों के खिलाफ आने वाली शिकायतों की सुनकर कार्रवाई करती है। जिस व्यक्ति ने अभी वकालत का लाइसेंस ही लिया हो और कभी एक केस तक नहीं लड़ा हो, वह कैसे वकीलों के खिलाफ शिकायत सुन सकता है।
बलतेज सिद्धू ने कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कुंवर विजय प्रताप सिंह कोई रंजिश नहीं है लेकिन उन्हें लाइसेंस देने के साथ ही बार की अनुशासन समिति में शामिल किया जाना सही नहीं है। ऐसे में उन्हें इस कमेटी से हटाया जाए। अन्य कई वकीलों ने भी बार काउंसिल के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी।
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इस मामले में उठे विवाद पर बार काउंसिल के चेयरमैन मिन्दरजीत यादव से प्रश्न पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बारे में शिकायत मिल चुकी है। इस शिकायत के आधार पर कुंवर विजय प्रताप सिंह को बार काउंसिल की अनुशासन समिति में शामिल किए जाने के निर्णय पर सोमवार को दोबारा गौर होगा।

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