Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:00 AM (IST)
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने रूसी सेना में पंजाबियों की जबरन भर्ती पर केंद्र और पंजाब सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेश मंत्रालय की चेतावनी के बावजूद रूस भारतीयों को सेना में भर्ती कर रहा है जिससे कई की जान जा रही है। लापता युवकों के परिवारों का दर्द बयां करते हुए उन्होंने दूतावास से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने रशियन आर्मी में जबरन पंजाबियों की भर्ती करवाने के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा और पंजाब की आप सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी के बावजूद डेढ़ साल से रशिया की सरकार जबरन भारतीय खास कर पंजाबी और हरियाणवी युवकों को आर्मी में भर्ती कर बिना पूरी ट्रेनिंग दिए रशिया-यूक्रेन युद्ध में मौत के मुंह में धकेल रही है।
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विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के दावों के बावजूद रशियन आर्मी में भर्ती रुकी नहीं है। इसी वर्ष जुलाई में 15 पंजाबी युवक रशिया पहुंचे और उनको अगस्त में रशियन आर्मी में भर्ती किया गया, जिनमें से पांच की मौत हो चुकी है, तीन युवक मिसिंग हैं और सात को जबरन आर्मी में रखा गया है।
उत्तर भारत के राज्यों से करीब 126 युवक हैं, जो अभी रशियन आर्मी में जबरन भर्ती किए गए, 15 युवक लापता है, उनमें से सिर्फ एक युवक की डेड बॉडी मिली है। इन युवकों का पता लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
सख्त कदम उठाए भारतीय दूतावास
भारतीय दूतावास इस मामले में रशियन सरकार व दूतावास से संपर्क करके सख्त कदम उठाए। रूस की आर्मी की तरफ से यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले चुके अमृतसर के सरबजीत सिंह ने बताया कि भारतीय एजेंट और रशिया में बैठे डंकी लगवाने वाले एजेंट ही इन युवकों को फंसा रहे हैं।
इतना ही नहीं यही एजेंट इन युवकों को भर्ती के बाद मिलने वाली सैलरी और मरने वालों को मिलने वाले बीमा के पैसे भी परिवार तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। अपने दिव्यांग भाई मनदीप सिंह की तलाश में दो बार रूस जा चुके जगदीप ने बताया कि डेढ़ साल से ज्यादा के लंबे समय से वह अपने भाई की तलाश में जुटे हैं।
रूस सेना ने उनके दिव्यांग भाई को स्नैपर बनाकर भर्ती किया। भारतीय दूतावास भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है।
डेढ़ साल से पति के शव का कर रही इंतजार
वहीं, डेढ़ साल से अपने पति के शव का इंतजार कर रही अमृतसर की परमिंदर कौर ने बताया कि उनके पति तेजपाल काम की तलाश में रूस गए थे। शुरू में तीन महीने तक तो उनसे बात होती रही। उन्हें रूस की सेना में भर्ती किया गया।
उसके बाद से उनका पता नहीं चला। जब उन्होंने रूस में जाकर कोर्ट केस किया तो उन्हें उनके पति का मृत्यु प्रमाण पत्र तो मिल गया लेकिन अभी तक बॉडी नहीं मिली है।
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