बाढ़ से पंजाब में भीषण तबाही, केंद्रीय टीम करेगी होने वाले नुकसान का आकलन
पंजाब में भारी बारिश और डैमों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी भेजने का फैसला किया है। यह टीम पंजाब के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में हुए नुकसान का भी जायजा लेगी। भाजपा और अकाली दल के नेताओं ने पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में भारी बारिश और तीनों डैम से छोड़े जा रहे पानी के कारण आई बाढ़ का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय कमेटी को भेजने का फैसला किया है। दरअसल तीनों डैम भर जाने के कारण और हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर में हो रही भारी बारिश के कारण पंजाब में बाढ़ का खतरा अभी थमा नहीं है।
पंजाब के अलावा , हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड में भी हुए नुकसान का जायजा यह अंतर-मंत्रालय केंद्रीय दल (आईएमसीटी) करेगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गठित ये केंद्रीय दल अगले सप्ताह की शुरुआत में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे और स्थिति और राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों का मौके पर जाकर आकलन करेंगे।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है ताकि लोगों की मुश्किलें कम की जा सकें। इससे पहले शनिवार को भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्रीय टीमें भेजने और पंजाब को विशेष राहत पैकेज देने की मांग की थी।
आज सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा , शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने भी विशेष राहत पैकेज की मांग की है। सुखबीर बादल ने तो किसानों की ओर से लिए गए कर्ज में इस साल ब्याज आदि की छूट की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि किसानों की चार लाख एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है और खेतों में सिल्ट जम जाने के कारण अगली फसल को लगाने पर भी संदेह बना हुआ है। ऐसे में किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की जरूरत है।
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