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पंजाब में भाजपा पार्टी निशान पर लड़ेगी निकाय चुनाव, कोर कमेटी ने लिए पांच अहम फैसले

भारतीय जनता पार्टी पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी के चुनाव निशान पर ही लड़ेगी। यह फैसला पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया है। यह भी फैसला हुआ कि पदाधिकारी खुद चुनाव मैदान में कूदेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 01:39 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:39 PM (IST)
पंजाब में भाजपा पार्टी निशान पर लड़ेगी निकाय चुनाव, कोर कमेटी ने लिए पांच अहम फैसले
भाजपा पंजाब में चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी स्थानीय निकाय चुनाव। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब मेें 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अहम फैसला लेते हुए एलान किया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पार्टी अपने चुनाव निशान पर ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी। वहीं, पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा करने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने निर्देश दिए हैं कि जिन निकायों में चुनाव हैंं वहां के प्रदेश पदाधिकारी व मंडल अधिकारी खुद चुनाव लड़ें। अगर वह नहीं लड़ना चाहते हैंं तो उन्हें मजबूत प्रत्याशी का विकल्प देना होगा। कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसानों की ओर से पंजाब में भाजपा नेताओं के विरोध का भाजपा ने डटकर सामना करने का फैसला किया है।

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गत दिवस भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बैठकों का लंबा दौर चलता रहा। पहले कोर कमेटी की बैठक हुई। उसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी व चुनाव को लेकर बैठक हुई, जिसमें दुष्यंत गौतम ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा तब भी चुनाव मैदान में अपने ही निशान पर लड़ती थी जब हमारी जमानत जब्त हो जाती थी। पार्टी ने तब भी हिम्मत नहीं हारी। अब तो भाजपा के विधायक भी हैं और सांसद भी।

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बता दें कि किसानों के विरोध को देखते हुए पार्टी पर इस बात को लेकर खासा दबाव था कि किसान विरोध के कारण प्रत्याशी कमल के चुनाव निशान पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते, लेकिन पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस दबाव के आगे झुकने से इन्कार कर दिया है। दुष्यंत गौतम ने दावा किया कि आज भले ही परिस्थितियां कुछ भी नजर आ रही हों, लेकिन भाजपा 2022 में पंजाब में सरकार बनाएगी।

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भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में यह भी चर्चा हुई की किसानों की आड़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी भाजपा विरोधी मुहिम चला रही है। वहीं, यह भी तय हुआ कि वरिष्ठ पदाधिकारियों को चुनाव में उतारा जाए। अगर वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते तो उन्हें मजबूत उम्मीदवार के नाम सुझाने होंगे। पार्टी किसी भी स्थिति में दबाव के आगे झुकने वाली नहीं है। फिर चाहे बठिंडा हो या फिर मोगा।

बैठक में लिए गए अहम फैसले

  1. भाजपा पार्टी के चुनाव निशान पर पर चुनाव लड़ने के लिए 27 से 28 जनवरी तक उम्मीदवारों का एलान कर देगी।
  2. वरिष्ठ पदाधिकारी खुद लड़ें चुनाव। खुद नहीं लड़ना चाहते तो मजबूत प्रत्याशी सुझाएं।
  3. 30 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पार्टी का मुख्यालय चंडीगढ़ से लुधियाना शिफ्ट कर दिया जाएगा। यानी लुधियाना से ही सारी चुनाव रणनीति बनेगी।
  4. भाजपा दबाव के आगे झुकेगी नहीं बल्कि पूरी मजबूती से निकाय चुनाव लड़ेगी।
  5. किसानों के विरोध का करेगी पार्टी डटकर सामना। 

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