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    पंजाब सचिवालय के तीन सफाईकर्मियों समेत पांच नशा तस्कर काबू, हिमाचल से सस्ती चरस लाकर ट्राईसिटी में बेचते थे

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:06 PM (IST)

    चंडीगढ़ पुलिस ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो हिमाचल प्रदेश से चरस लाकर ट्राईसिटी में बेचता था। पुलिस ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश से सस्ते में खरीदते थे नशा और ट्राईसिटी में मोटे मुनाफे में बेचते थे।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश से सस्ते में नशीले पदार्थ लाकर ट्राईसिटी में महंगे दामों पर बेचने वाले गिरोह का चंडीगढ़ पुलिस ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के साथ मिलकर राजफाश किया है। गिरोह के पांच नशा तस्कर को गिरफ्तार किए हैं, जिनमें से तीन पंजाब सचिवालय के सफाईकर्मी हैं। एक सचिवालय में पानी के कैंपर पहुंचाता था। पांचवां आरोपित जोकि हिमाचल में सेब की खेती के साथ-साथ अवैध रूप से चरस की भी खेती करता है। उनके पास से 742 ग्राम चरस बरामद की है। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 2.22 लाख बताई जा रही है।

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    एएनटीएफ की टीम रात करीब 1:50 बजे गश्त पर थी। इसी दौरान सूचना मिली कि हिमाचल प्रदेश से एक कार चंडीगढ़ आ रही है जिसमें युवक चरस लेकर आ रहे हैं। पुलिस टीम सतर्क हो गई और न्यू बैरिकेड चौक पर नाका लगाया। करीब सुबह 3:15 बजे पुलिस ने एक संदिग्ध कार को रोका। तलाशी लेने पर कार में बैठे चार युवकों के पास से 597 ग्राम चरस बरामद हुई।

    पकड़े गए युवकों में सेक्टर-7 निवासी गौरव कुमार (35) पंजाब सचिवालय में वाॅटर कैरियर का काम करता है। अजय (25), अभिषेक (23), अमित कुमार(29) मोहाली के नया गांव के रहने वाले हैं। तीनों डीसी रेट पर सचिवालय में सफाईकर्मी हैं। उनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के परवाणू से नशा सप्लायर कुलवंत सिंह (35) को भी दबोच लिया। उसके पास से 145 ग्राम चरस बरामद की गई।

    कुलवंत सिंह हिमाचल में सेब की खेती करता है लेकिन साथ ही अवैध रूप से चरस की खेती और सप्लाई का धंधा भी करता था। जांच में सामने आया कि गिरोह हिमाचल से चरस सस्ते दामों पर खरीदता था और उसे चंडीगढ़ व ट्राईसिटी क्षेत्र में ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाता था। पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि सभी आरोपित खुद भी नशे के आदी हैं। यानी वे सिर्फ सप्लाई ही नहीं करते थे बल्कि खुद भी चरस का सेवन करते थे।