Farmers Protest: रेलवे ट्रैक पर उतरे किसान, ट्रेनों के पहिए थमे; पंढेर बोले- मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
Farmers Protest: किसानों का आंदोलन पिछले एक महीने से लगातार चल रहा है। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। केंद्र के साथ हुई बैठकों में भी हमारी मांगों के प्रति कुछ नहीं किया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Farmers Protest: अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने से लगातार जारी है। किसानों ने आज रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Protest) का आगाज किया। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी रहा। वहीं किसानों ने एलान किया था कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक किया जाएगा। ट्रेनों को रेलवे स्टेशन और क्रासिंग के पास ही रोका गया।
किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। केंद्र के साथ हुई बैठकों में भी हमारी मांगों के प्रति कुछ नहीं किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि वह किसानों की सारी बातें मान चुकी है, जोकि सरासर झूठ है। किसानों की केंद्र के साथ हुई सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं। वहीं चार घंटे तक चलने वाले आंदोलन के दौरान किसानों ने आम जनता से घर से बाहर न निकलने की अपील की है।

Farmers Protest: चार घंटे के रेल रोको आंदोलन में किसानों ने पंजाब के कई जिलों के रेलवे स्टेशनों पर धरना डाला। रेलगाड़ियां ट्रैक पर ही खड़ी रहीं। यात्रियों ने रेल मार्ग की अन्य मार्ग का सहारा लिया। किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मांगे सुनने को कहा।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के किसानों ने भी रविवार को अमृतसर के देवीदासपुरा में राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक को बंद किया। धरने पर बैठ आंदोलनकारियों ने सरकार से मांगे पूरी करने की अपील की।

रेल रोको आंदोलन से पंजाब जिले के स्टेशनों पर ट्रेन रद्द है। पंजाब के नाभा रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन के इंतजार में घंटों खड़े रहे। किसानों के पक्ष में उतरी महिलाएं भी ट्रैक पर धरना प्रदर्शन करती दिखी। ट्रैक के बीच बैठे किसानों ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। यह धरना सुबह 12 बजे से पंजाब के अलग-अलग जिलों में जारी है।

किसानों के धरने के कारण रेलवे की ओर से कुछ गाड़ियों को व्यास व लुधियाना से ही वापस भेज दिया। इनमें शान-ए-पंजाब, अमृतसर एक्सप्रेस, अजमेर एक्सप्रेस, अमृतसर चंडीगढ़ शामिल हैं, जिन्हें व्यास और लुधियाना रेलवे स्टेशन से वापसी के लिए रवाना कर दिया गया। ऐसे में जिन यात्रियों की ओर से अमृतसर से इन गाड़ियों में बैठना था, उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा। उन यात्रियों को बस या अन्य किसी वहां के जरिए ब्यास और लुधियाना के लिए रवाना हुए और वहां जाकर गाड़ी पकड़ी।

फाजिल्का में लगभग 100 के करीब किसान रेलवे ट्रैक पर धरना लगाकर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर किसानों के धरने के चलते फिरोजपुर जाने वाली गाड़ी का इंतजार कर रहे यात्रियों को अपने सामान सहित वापस लौट के लिए मजबूर होना पड़ा। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में या तो अब वह बस का सहारा लेंगे या फिर वापस लौटेंगे। रेलवे स्टेशन पर पुलिस बल भी तैनात है।

जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक पर उतरकर ट्रेन रोकी। वहीं पटियाला रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर भी आंदोलनकारी किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। पंजाब के 22 जिलों में ट्रेनों के पहिए जाम रहेंगे। साथ ही लुधियाना के साहनेवाल रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संगठन की ओर से प्रदर्शन शुरू किया गया। मालवा एक्सप्रेस ट्रेन को शनिवार रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया है। किसान उसके आगे प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। हम आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक 4 घंटे के लिए ट्रेनें रोकेंगे। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के क्रियान्वयन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि जब हमने यह विरोध शुरू किया था तो हमें पता था कि हम 40 दिनों में यह विरोध नहीं जीत पाएंगे। हम अपनी ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे।
#WATCH | Punjab: Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "..Until our demands are met, we will continue our protest. We will stop trains for 4 hours from 12 noon to 4 pm today. We have nothing to do with the implementation of the Model Code of Conduct as when we started this… pic.twitter.com/Q9LNag7fda
— ANI (@ANI) March 10, 2024

किसानों ने बताया कि एमएसपी गारंटी कानून, किसानों व मजदूरों की कर्ज़मुक्ति, स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी, 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून लागू करने, साल में 200 दिन मनरेगा के अनुसार रोजगार व मनरेगा को खेती से जोड़ने सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर कोई सहमति नहीं बनी है इसलिए किसान आंदोलन जारी है।
किसानों नेताओं ने जनता से अपील की है कि आंदोलन के बीच कहीं यात्रा करने का प्लान ना बनाएं। इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। साथ ही किसानों ने कहा है कि चार घंटे के इस आंदोलन में आमजन को थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन ये निर्णय सभी के हित में ही है।

12 बजे से 4 बजे तक ट्रेनों के पहिए जाम रहेंगे। जानकारी के अनुसार इस आंदोलन का असर इंटर सिटी और दूसरे राज्यों के बीच वाली ट्रेनों पर दिखेगा। पिछले दिनों भी आमजनों को किसानों के आंदोलन के चलते कई सम्सयाओं का सामना करना पड़ा था। दिल्ली-अमृतसर रूट पर कई ट्रेनें देरी से चली थी।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 13 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शुरू हुए आंदोलन के तहत, हमने आज पूरे देश में रेल रोको का आह्वान किया है। हम सभी किसानों, मजदूरों और आम लोगों से आग्रह करते हैं देश के लोग बड़ी संख्या में आज रेल रोको में हमारा समर्थन करें।
हम उन लोगों से भी आग्रह करते हैं, जो आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच ट्रेन यात्रा करना चाहते हैं, वे आज चार घंटे तक ऐसा न करें। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज थोड़ी असुविधा है। यह आंशिक रेल रोको है।