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    हरियाणा: दो से चार पत्नियां रखने वालों के भी परिवार पहचान पत्र, हर साल करीब 500 करोड़ की बचत; जरूरतमंदों को मिल रहा लाभ

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 11:46 PM (IST)

    हरियाणा में परिवार पहचान पत्र योजना कई राज्यों के लिए मॉडल बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भ्रष्टाचार रोकने और पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए यह योजना शुरू की थी जिससे सालाना 500 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। यह धर्मनिरपेक्ष है जिसमें बहुपत्नी परिवारों को भी शामिल किया गया है ताकि सभी बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

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    हरियाणा में दो से चार पत्नियां रखने वालों के भी परिवार पहचान पत्र। फाइल फोटो

    अनुराग अग्रवाल,  चंडीगढ़। हरियाणा में करीब छह साल पहले आरंभ किए गए परिवार पहचान पत्र (फैमिली आइडी) को अब कई राज्य सरकारें अपने-अपने प्रदेशों में लागू कर रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी योजनाओं के लाभ में भ्रष्टाचार बंद करने तथा वास्तविक पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ दिलाने की मंशा से परिवार पहचान पत्र बनाने की योजना शुरू की थी।

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    इसका फायदा यह हो रहा कि हर साल करीब 500 करोड़ रुपये की बचत हो रही तथा वास्तविक जरूरतमंद लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे मिलने लगा है। हरियाणा के परिवार पहचान पत्र की खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष बनाया गया है।

    किसी व्यक्ति ने अगर दो विवाह किए अथवा उसके पास दो या दो से अधिक पत्नियां हैं तो इन पत्नियों से होने वाले बच्चों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की व्यवस्था परिवार पहचान पत्र में की गई है। हरियाणा में 2,761 लोग ऐसे हैं, जिनके पास दो से अधिक पत्नियां हैं, जबकि 15 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने परिवार पहचान पत्र में तीन पत्नियां दर्ज करवा रखी हैं।

    राज्य में तीन लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास तीन से अधिक पत्नियां हैं और उनके परिवार पहचान पत्र बने हैं। बहुपत्नियों वाले लाभार्थियों की संख्या राज्य में 2,779 है। हरियाणा में बन रही फैमिली आइडी में एक से अधिक पत्नी होने का आंकड़ा इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह आशंका है कि उनकी फैमिली आइडी में एक से अधिक पत्नी के नाम नहीं चढ़ पाएंगे, इसलिए वे फैमिली आइडी बनाने का विरोध कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि हरियाणा का परिवार पहचान पत्र धर्मनिरपेक्ष है। सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रत्येक नागरिक की जाति जरूर लिखी गई है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति की दो या दो से अधिक पत्नियां हैं तो हमें उनका नाम परिवार पहचान पत्र में दर्ज करने में कोई आपत्ति नहीं है।

    ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि उनके सभी बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ बिना किसी व्यवधान के मिलता रहे। हरियाणा में इस समय 76 लाख 93 हजार 856 फैमिली आइडी हैं, जिनमें दर्ज सदस्यों की संख्या दो करोड़ 94 लाख 65 हजार 154 है। राज्य की फैमिली आइडी के प्रविधानों का अवलोकन कर आधा दर्जन राज्यों ने इसे अलग-अलग नामों से अपने यहां चालू कर दिया है।

    उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी परिवार पहचान पत्र, उत्तराखंड ने उत्तराकुल, राजस्थान ने जन आधार, कर्नाटक ने कुटुंब, मध्य प्रदेश ने समाग्रह और तमिलनाडु की सरकार ने मकाल नाम से अपने राज्य में फैमिली आइडी लागू की है। इन सभी राज्यों ने हरियाणा से प्रारूप ग्रहण कर इसे लागू किया है। अब बिहार सरकार ने भी हरियाणा की तर्ज पर फैमिली आइडी बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी है।

    भिवानी में तीन लोगों के पास तीन से अधिक पत्नियां, नूंह में सबसे अधिक हरियाणा का नूंह जिला ऐसा है, जहां सबसे अधिक 353 लोगों के पास दो पत्नियां हैं। भिवानी, सोनीपत, करनाल व फरीदाबाद में दो-दो परिवार, हिसार, झज्जर, जींद, कुरुक्षेत्र, पलवल, नूंह और रेवाड़ी में एक-एक परिवार का मुखिया ऐसा है, जिनके पास तीन पत्नियां हैं।

    भिवानी में तीन परिवार के मुखिया ऐसे हैं, जिनके पास तीन से अधिक पत्नियां हैं। अंबाला में 87, भिवानी में 69, चरखी-दादरी में 30, फरीदाबाद में 267, फतेहाबाद में 104 और गुरुग्राम में 157 लोग ऐसे हैं, जिनके पास दो पत्नियां हैं। हिसार में 152, झज्जर में 72, जींद में 146, कैथल में 92, करनाल में 171, कुरुक्षेत्र में 96, महेंद्रगढ़ में 81, पलवल में 178 और पंचकूला में 44 लोगों के पास दो पत्नियां हैं, जिन्होंने फैमिली आइडी में उनके नाम शामिल करवा रखे हैं।

    पानीपत में 129, रेवाड़ी में 80, रोहतक में 78, सिरसा में 130, सोनीपत में 134 और यमुनानगर में 111 लोगों के पास दो पत्नियां हैं। बाक्स हरियाणा का परिवार पहचान पत्र धर्मनिरपेक्ष हरियाणा ने सबसे पहले फैमिली आइडी बनाने की शुरुआत की थी।

    इसके जनक पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल हैं। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी परिवार पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया को लगातार सरलतम कर रहे हैं। हरियाणा का परिवार पहचान पत्र धर्मनिरपेक्ष है, जिसमें उन लोगों ने सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अपनी पत्नियों के नाम दर्ज कराए हैं, जिनके पास एक से अधिक पत्नियां हैं।

    उनकी सोच की हम सराहना करते हैं, ताकि उनके बच्चे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहें। हरियाणा की इस योजना का लगातार दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं। मनोहर सरकार की नीतियों को नायब सरकार ने बहुत आगे बढ़ाया है।

    फैमिली आइडी की तरह लाडो लक्ष्मी योजना भी आने वाले समय में महिलाओं के लिए देश की प्रथम बेहतर योजना साबित होगी।  - डा. सतीश खोला, स्टेट को-आर्डिनेटर, परिवार पहचान प्राधिकरण, हरियाणा