चंडीगढ़ में पांच साल पहले हुए सड़क हादसे का चश्मदीद गवाह मुकरा, कोर्ट ने आरोपित किया बरी
चंडीगढ़ की जिला अदालत ने पाँच साल पुराने एक्सीडेंट केस में आरोपी गोविंद को बरी कर दिया। गोविंद पर साइकिल सवार को टक्कर मारने का आरोप था जिससे उसकी मौत हो गई थी। चश्मदीद गवाह के बयान से मुकरने और सबूतों के अभाव में अदालत ने यह फैसला सुनाया। गोविंद के वकील ने पुलिस पर झूठा केस बनाने का आरोप लगाया था।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पांच साल पुराने एक एक्सीडेंट केस में जिला अदालत ने चश्मदीद गवाह के बयान से मुकरने और सुबूतों के अभाव में आरोपित को बरी कर दिया। बरी होने वाला युवक धनास निवासी 24 वर्षीय गोविंद है। उसके खिलाफ सेक्टर-11 थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 279, 337, 338, 304ए और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
आरोप था कि उसकी मोटरसाइकिल की टक्कर से एक साइकिल सवार की जान चली गई। हालांकि इस हादसे का चश्मदीद गवाह सेक्टर-25 निवासी हैप्पी अदालत में अपने बयान से मुकर गया। उसने कह दिया कि उसने हादसा होते नहीं देखा था। उसने आरोपित को भी पहचानने से इन्कार कर दिया। गोविंद के वकील जीएस कौशल ने कहा कि पुलिस ने उसे फंसाने के लिए झूठा केस तैयार किया था। ऐसे में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गोविंद को बरी कर दिया।
यह हादसा पंजाब यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-3 के पास हुआ था। केस के मुताबिक नौ नवंबर 2020 को एक मोटर साइकिल ने साइकिल सवार बंसी लाल को टक्कर मार दी थी। उसे पीजीआई ले जाया, जहां उसने दम तोड़ दिया था। पुलिस ने गोविंद को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी।
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