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    पूर्व डीजीपी के साइन फाॅरेंसिक जांच में निकले 'असली', फर्जी प्रमोशन लेटर मामले में इंस्पेक्टर व एसआई को राहत

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Thu, 06 Nov 2025 08:56 PM (IST)

    पूर्व डीजीपी के हस्ताक्षर की फाॅरेंसिक जांच में असली पाए जाने के बाद, फर्जी प्रमोशन लेटर मामले में इंस्पेक्टर और एसआई को राहत मिली है। इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों पर गलत तरीके से प्रमोशन पाने का आरोप था, लेकिन जांच में हस्ताक्षर सही पाए गए। अब उनके खिलाफ लगे आरोपों पर फिर से विचार किया जाएगा।

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    चंडीगढ़ जिला अदालत ने सुनाया फैसला।


    रवि अटवाल, चंडीगढ़। पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के फर्जी साइन कर प्रमोशन लेटर जारी करवाने के मामले में पंजाब पुलिस के दो अफसरों को बड़ी राहत मिली है। चंडीगढ़ जिला अदालत ने धोखाधड़ी के तीन साल पुराने इस मामले में इंस्पेक्टर सतवंत सिंह और सब-इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह को आरोपमुक्त कर दिया है।

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    इस केस में चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब पुलिस के आठ मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप थे कि इन्होंने पूर्व डीजीपी के फर्जी साइन कर कई पुलिसकर्मियों के प्रमोशन आर्डर जारी करवा दिए। ऐसा उन्होंने उन पुलिसकर्मियों से रुपये ऐंठने के लिए किया था।


    हालांकि जांच के दौरान इस धोखाधड़ी में सतवंत सिंह और सरबजीत सिंह की भूमिका साबित नहीं हो सकी। इन दोनों पर जिस आर्डर से छेड़छाड़ करने और फर्जी साइन करने के आरोप थे, वह तो फारेंसिक जांच में असली पाया गया। यानी कोई धोखाधड़ी हुई ही नहीं। इसी आधार पर दोनों ने केस से बाहर किए जाने के लिए अदालत में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दायर की थी।


    इंस्पेक्टर सतवंत का केस लड़ने वाले एडवोकेट सजल शर्मा ने कहा कि 2022 में पंजाब पुलिस में डीजीपी के साइन किए हुए कुछ प्रमोशन लेटर जारी हुए थे। यह आर्डर चार जनवरी 2022, सात जनवरी 2022 और आठ जनवरी 2022 की तारीख के थे। सतवंत और सरबजीत पर आरोप थे कि उन्होंने सात जनवरी 2022 को जारी हुए प्रमोशन आर्डर के साथ छेड़छाड़ की थी।

    आरोप था कि यह आर्डर उन्होंने डीजीपी के फर्जी साइन कर खुद ही तैयार किया था। जब सात जनवरी 2022 वाले इस आर्डर को फारेंसिक जांच के लिए सेंट्रल फारेंसिक साइंस लेबोरेट्री(सीएफएसएल), सेक्टर-36 को भेजा गया तो इस प्रमोशन आर्डर पर पूर्व डीजीपी के साइन असली पाए गए।

    एडवोकेट सजल शर्मा ने कहा कि पुलिस ने शुरुआत में जो एफआइआर दर्ज की थी, उसमें सात जनवरी 2022 वाले इस आर्डर का कोई जिक्र ही नहीं था। यह तो पुलिस ने इंस्पेक्टर सतवंत को फंसाने के लिए जबरदस्ती इस केस में शामिल किया था। इसके अलावा पुलिस इन प्रमोशन आर्डर के बदले पैसों के लेन-देन की बात को भी साबित नहीं कर सकी। ऐसे में जिला अदालत ने इंस्पेक्टर सतवंत सिंह और एसआइ सरबजीत सिंह को केस से बाहर कर दिया।

    छह पुलिसकर्मियों पर केस चलेगा

    पुलिस को कुल पांच फर्जी प्रमोशन आर्डर मिले थे। एक आर्डर तो असली पाया गया, हालांकि चार के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इंस्पेक्टर सतवंत और सरबजीत को तो केस से बाहर कर दिया है जबकि बाकी आरोपित पुलिसकर्मियों संदीप कुमार, सतिंदर पाल सिंह, कुलविंदर सिंह हुंदल, मनी कटोच, हरविंदर सिंह और बहादुर सिंह के खिलाफ जिला अदालत में केस चलेगा।

    यह था मामला

    जनवरी 2022 को तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के फर्जी साइन कर कुछ पुलिस मुलाजिमों के प्रमोशन आर्डर जारी कर दिए गए थे। पंजाब पुलिस के अधिकारी विभोर कुमार की शिकायत पर सेक्टर-3 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(एसआइटी)गठित कर दी। चंडीगढ़ पुलिस ने जांच के दौरान इंस्पेक्टर सतवंत सिंह, एसआइ सरबजीत सिंह समेत आठ पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।