चंडीगढ़ में ईडब्ल्यूएस नीति ने रोकी महंगे फ्लैट्स की लॉन्चिंग, प्रशासन की एक चूक पड़ेगी भारी
चंडीगढ़ में सेक्टर-53 जनरल हाउसिंग स्कीम की लॉन्चिंग दीवाली से पहले होने में प्रशासन की नीति बाधक बन रही है जिससे लॉन्चिंग फिर टल सकती है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए नीति तय न होने से हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम कोई स्कीम नहीं ला सकते। बिल्डिंग रूल्स 2017 में ईडब्ल्यूएस के लिए 15% आरक्षण अनिवार्य है लेकिन आवंटन नीति नहीं है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। सेक्टर-53 में जनरल हाउसिंग स्कीम की लॉन्चिंग दीवाली से पहले करने पर प्रशासन की नीति रोड़ा बन गई है। यह लॉन्चिंग एक बार फिर से टल सकती है। वजह यह है कि प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए नीति अभी तय नहीं की है। यानी महंगे फ्लैट्स पर ईडब्ल्यूएस नीति भारी पड़ेगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के अभाव में न तो चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड और न ही नगर निगम कोई हाउसिंग स्कीम ला सकता है और न ही आवासीय प्रोजेक्ट के लिए जमीन की नीलामी कर सकता है।
अधिकारियों के अनुसार चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स (अर्बन), 2017 में किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट में 15 प्रतिशत आरक्षण ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए अनिवार्य है, जिसमें न्यूनतम क्षेत्रफल 30 वर्गमीटर तय है। शहर में ऐसे मकानों के आवंटन के लिए कोई अधिसूचित नीति नहीं है। प्रशासन इस संबंध में नीति तैयार कर रहा है।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की करीब दस साल बाद दीवाली से पहले सेक्टर-53 में जनरल हाउसिंग स्कीम लॉन्च करने की योजना है। प्रस्तावित स्कीम में 192 एचआईजी (हाई-इनकम ग्रुप) यूनिट्स, 100 एमआईजी (मिडल-इनकम ग्रुप) मकान और 80 ईडब्ल्यूएस फ्लैट शामिल होंगे। करीब 9 एकड़ भूमि पर बने इन पांच मंजिला फ्लैट्स में एचआईजी फ्लैट्स के लिए दो बेसमेंट पार्किंग की सुविधा होगी।
तीन बेडरूम वाला एचआईजी फ्लैट 2.3 करोड़ रुपये का होगा, जो पहले की प्रस्तावित कीमत 1.65 करोड़ से 39.39 प्रतिशत अधिक है। दो बेडरूम वाला एमआईजी फ्लैट 1.97 करोड़ रुपये का होगा, जो पहले की दर 1.4 करोड़ से 40.71 प्रतिशत ज्यादा है। दो कमरे वाला ईडब्ल्यूएस फ्लैट 74 लाख रुपये का होगा, जो पिछली अनुमानित लागत 55 लाख से 34.34 प्रतिशत महंगा है।
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