चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन या हड़ताल की तो खैर नहीं, एस्मा लागू
चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने पर रोक लगा दी है। सीपीडीएल के कर्मचारियों पर आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार बिजली सप्लाई अनिवार्य सेवा है और कर्मचारी 26 जनवरी 2026 तक हड़ताल नहीं कर सकते। यह फैसला हरियाणा एसेंशियल सर्विसेज एक्ट-1974 के तहत लिया गया है।
जागरण संवाददाता,चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अब बिजली कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, क्योंकि प्रशासन ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है। इस संबंध में यूटी प्रशासक की अनुमति के बाद चीफ सेकठेरी राजीव वर्मा की ओर से गजट में नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि बिजली की सप्लाई लोगों के लिए अनिवार्य सेवाओं के अधीन आती है। ऐसे में सीपीडीएल के कर्मचारी 26 जनवरी 2026 तक हड़ताल पर नहीं जा सकते। बिजली आम आदमी की आवश्यक जरुरतों में शामिल हैं।
बिजली विभाग को एक फरवरी से प्राइवेट कंपनी के हाथों में सौंपा जा चुका है। यूटी प्रशासन के बिजली विभाग को जब से चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (सीपीडीएल) के हाथों में दिया है, तभी से कर्मचारी लगातार धरने प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं।
बिजली सप्लाई का जिम्मा चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (सीपीडीएल) को मिल चुका है। चंडीगढ़ प्रशासन ने सीपीडीएल के अधीन सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने को लेकर रोक लगा दी है। इससे पहले भी चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद पीजीआई में भी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने को लेकर एस्मा लागू कर दिया था।
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