Election Commission: चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, पंजाब की 21 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद
भारतीय चुनाव आयोग ने 474 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है क्योंकि उन्होंने लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ा। इनमें पंजाब की 21 पार्टियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 359 अन्य दलों की पहचान की गई है जिन्होंने अपने वार्षिक ऑडिट खाते जमा नहीं किए जिनमें पंजाब की 11 पार्टियां हैं। यह कार्रवाई चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारतीय चुनाव आयोग ने 474 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (आरयूपीपी) को सूची से हटा दिया है, जिन्होंने लगातार 6 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ा।
इस सूची में पंजाब की 21 पार्टियां शामिल हैं। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, 359 ऐसी पार्टियों की पहचान की गई है।
जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (यानी 2021-22, 2022-23, 2023-24) में निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने वार्षिक ऑडिटेड खाते जमा नहीं करवाए और चुनाव तो लड़े, लेकिन चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की।
ये पार्टियां देशभर के 23 अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं, जिनमें पंजाब की 11 पार्टियां भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में राजनीतिक पार्टियां (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 के प्रावधानों के तहत भारतीय चुनाव आयोग के पास पंजीकृत होती हैं।
अधिनियम के अनुसार, एक बार किसी पार्टी के राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत होने पर उसे कुछ विशेष अधिकार और लाभ मिलते हैं, जैसे चुनाव चिह्न, कर में छूट आदि।
राजनीतिक पार्टियों के पंजीकरण संबंधी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट है कि यदि कोई पार्टी लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ती है तो उसे पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटा दिया जाएगा।
चुनाव प्रणाली में सुधार के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने व्यापक और निरंतर रणनीति के तहत देशव्यापी अभियान चलाया है ताकि 2019 से लगातार 6 वर्षों तक एक भी चुनाव न लड़ने वाली पार्टियों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाया जा सके।
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