Punjab News: 8 साल पहले हेड कॉन्स्टेबल ने ली थी 10 हजार की रिश्वत, अब कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
चंडीगढ़ की विशेष सीबीआइ अदालत ने आठ साल पुराने रिश्वत मामले में हेड कांस्टेबल रामकुमार को सात साल की सजा सुनाई है। रामकुमार को सीबीआई ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। सारंगपुर थाने में दर्ज एक मामले को रफा-दफा करने के लिए रामकुमार रिश्वत मांग रहा था। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अदालत ने रामकुमार पर जुर्माना भी लगाया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आठ साल पुराने रिश्वत मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार काे चंडीगढ़ पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल राम कुमार को सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। अदालत ने बीते साेमवार को राम कुमार को दोषी करार दे दिया था। जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था। अभी तक वह जमानत पर बाहर था। मई 2017 को सीबीआई ने राम कुमार को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगें हाथों पकड़ा था।
सीबीआई ने सारंगपुर के रहने वाले सत्या तिवारी और अनीता की शिकायत पर केस दर्ज किया था। अनीता ने शिकायत में बताया था कि उसका कुछ पारिवारिक कारणों के चलते किसी से झगड़ा चल रहा था। 17 फरवरी 2017 को सारंगपुर थाना पुलिस ने उसके पति शिवनाथ सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और दो दिन बाद उसके पति को गिरफ्तार भी कर लिया।
पुलिसकर्मी उसे भी गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे थे। सारंगपुर थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने अनीता को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वह उसके पति के खिलाफ केस खत्म करने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। हेड कॉन्स्टेबल राम कुमार ने उसे 10 हजार रुपये लेकर आने को कहा।
अनीता ने परेशान होकर राम कुमार के खिलाफ सीबीआई को शिकायत दे दी। सीबीआई ने फिर उसे पकड़ने के लिए 23 मई 2017 को ट्रैप लगाया। रामकुमार ने जैसे ही रिश्वत की रकम पकड़ी, तभी सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
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