शिक्षा मंत्री ने मैक्स अस्पताल पर लगाए लापरवाही के गंभीर आरोप, बुजुर्ग मरीज को एंबुलेंस में ठूंसकर रखा
मोहाली के मैक्स अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि मरीजों को फाइल बनाने के बहाने इमरजेंसी वार्ड के बाहर इंतजार करवाया जा रहा था जबकि वार्ड खाली था। मंत्री ने स्वयं मरीजों को भर्ती करवाया और इलाज शुरू करवाया।

जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस आज मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मोहाली पहुंचे, जहां एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया।
प्रबंधन की कथित लापरवाही और कमाई की लालच के चलते दूर-दराज से आए मरीजों को फाइल बनाने के बहाने इमरजेंसी वार्ड के बाहर ठोकरें खानी पड़ रही हैं, जबकि अस्पताल का इमरजेंसी विभाग पूरी तरह खाली पड़ा है।
इस घटना ने निजी अस्पतालों की मानवीय संवेदनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्री बैंस ने इंटरनेट मीडिया पर वायरल अपने पोस्ट में बताया कि वह रविवार अस्पताल पहुंचने पर उन्हें एक बेहद दर्दनाक मंजर देखने को मिला। हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) से इलाज के लिए आई एक बुजुर्ग महिला को 20-25 मिनट तक एम्बुलेंस में ही बाहर बिठाए रखा गया।
प्रबंधन ने उन्हें इमरजेंसी में भर्ती करने से साफ इनकार कर दिया, जबकि अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड सूना पड़ा था। इसी दौरान एक अन्य मरीज भी बाहर भटक रहा था। मंत्री ने खुद अस्पताल के अंदर जाकर दोनों मरीजों को भर्ती करवाया और डाक्टरों को तुरंत इलाज शुरू करने के निर्देश दिए।
सरपंच के जीजा को भर्ती करवाने आए थे मंत्री
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वह एक सरपंच के जीजा को दाखिल करने के लिए आए थे। उन्हें भी एंबुलेंस में बिठाकर रखा गया। पहले फाइल चेक करते रहे और कहा कि आईसीयू में बेड का इंतजाम किया जा रहा है। उनका कार्ड बना हुआ था।
इस वजह से उन्हें काफी समय तक इंतजार करवाया गया और बाद में कह दिया कि सभी बेड भरे हुए हैं। कोई भी बेड खाली नहीं है। यह सुनकर शिक्षा मंत्री भड़क गए और वह खुद अस्पताल की इमरजेंसी में अंदर जाकर बेड की स्थिति देखने लग गए। इसके बाद यह सारा हंगामा हुआ।
यह देखकर दिल दुखा
मंत्री ने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही से मरीजों की जान पर बन आई। जहां लाखों रुपये वसूलते हैं, वहां इंसानियत भूल जाते हैं। उन्होंने डाक्टरों का सम्मान तो किया, लेकिन कुछ अस्पताल प्रबंधकों की ऐसी करतूतों पर गहरी नाराजगी जताई।
भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डाक्टरों का सम्मान करता हूं, लेकिन पैसे की होड़ में मरीजों को तड़पते देखना असहनीय है। एक मरीज रिश्तेदार ने कहा कि दूर से आते हैं, लेकिन लापरवाही से जान पर बन आती है। सरकार को ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मरीजों का इलाज पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि फाइलें। यह मामला निजी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर बहस छेड़ रहा है।
ਅੱਜ ਮੈਕਸ ਹਸਪਤਾਲ ਮੋਹਾਲੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਹੀ ਦੁਖਦਾਈ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਦੇਖਣ ਨੂੰ ਮਿਲਿਆ। ਪ੍ਰਬੰਧਕਾਂ ਦੀ ਅਣਗਹਿਲੀ ਅਤੇ ਪੈਸਾ ਕਮਾਉਣ ਦੀ ਹੋੜ ਕਾਰਨ ਦੂਰੋਂ ਨੇੜਿਉਂ ਆਏ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਐਮਰਜੈਂਸੀ ਵਿੱਚ ਦਾਖਲ ਕਰਨ ਦੀ ਬਜਾਏ “ਫਾਈਲ ਬਣਾਉਣ” ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਬਾਹਰ ਬਿਠਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ,ਜਦਕਿ ਐਮਰਜੈਂਸੀ ਵਾਰਡ ਬਿਲਕੁਲ ਖ਼ਾਲੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
— Harjot Singh Bains (@harjotbains) September 28, 2025
ਹਮੀਰਪੁਰ ਤੋਂ ਇੱਕ… pic.twitter.com/25fP9DnwzV
निजी अस्पतालों पर बढ़ते आरोप
यह पहली बार नहीं है जब मैक्स अस्पताल पर ऐसी शिकायतें आई हैं। 2014 में मोहाली की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अस्पताल के सीईओ और एक डाक्टर को मेडिकल नेग्लिजेंस, साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में समन जारी किया था।
2017 में पंजाब स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने एक मरीज की पत्नी को 32.94 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। 2024 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा।
इसके अलावा, मैक्स हेल्थकेयर चेन पर पहले भी नवजात शिशुओं से जुड़े मामलों में लापरवाही के आरोप लगे हैं, जिसके चलते लाइसेंस रद्द करने और जांच की मांग हुई। मोहाली में मैक्स अस्पताल को 2011 में पंजाब सरकार के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत स्थापित किया गया था, लेकिन मरीजों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रहीं।
अस्पताल ने दी सफाई
अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि 60 वर्षीय मरीज़, जिन्हें इलाज के लिए कई बार हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, को आखिरी बार 22 सितंबर, 2025 को छुट्टी दी गई थी। आज, उन्हें और भी जटिलताएं होने पर आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होने पर हमारे आपातकालीन विभाग में वापस लाया गया। उस समय, कोई आईसीयू बिस्तर उपलब्ध नहीं था, और इस बारे में मरीज़ और उसके परिवार को विधिवत सूचित कर दिया गया था। बाद में, बिस्तर उपलब्ध होने पर मरीज़ को सीसीयू में भर्ती कराया गया।
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