डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों पर अब ED का शिकंजा, पंजाब-हरियाणा में 11 जगहों पर रेड; तेजी से जांच शुरू
पंजाब में डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों पर पुलिस कार्रवाई धीमी है जिससे धोखेबाज एजेंट बच रहे हैं। राज्य में लगभग 7000 पंजीकृत एजेंट हैं पर अवैध एजेंटों की संख्या अज्ञात है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों में सबसे ज़्यादा पंजाबी थे जिन्होनें एजेंटों को लाखों दिए। सरकार ने SIT गठित की पर कार्रवाई सुस्त है और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई धीमी पड़ती जा रही है। इसी का फायदा उठा ट्रैवल एजेंट बचने में सफल हो रहे हैं।
वर्तमान में पंजाब में लगभग 7 हजार पंजीकृत ट्रैवल एजेंट हैं, लेकिन अवैध एजेंटों की संख्या को लेकर अनिश्चित बनी हुई है। इस वर्ष 5, 15 और 16 फरवरी को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों को तीन उड़ानों से अमृतसर एयरपोर्ट पर लाया गया था।
डिपोर्ट हुए कुल 333 अवैध प्रवासियों में से सबसे ज्यादा 126 यानी 37.8 प्रतिशत पंजाब के थे, जबकि हरियाणा के 110, गुजरात के 74 लोग थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, गोवा, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, और उत्तराखंड से कम संख्या में लोग शामिल थे।
इन लोगों ने ट्रैवल एजेंटों को 40 से 50 लाख रुपये देकर डंकी रूट से अमेरिका जाने का प्रयास किया था, लेकिन बाद में इन्हें डिपोर्ट कर दिया गया।
इसके बाद राज्य सरकार ने धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और इसके लिए एडीजीपी प्रवीण सिन्हा की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम का गठन किया। पुलिस ने 24 एफआइआर दर्ज की हैं और सात ट्रैवल एजेंटों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन कार्रवाई में तेजी नहीं आ रही है।
पंजाब पुलिस ने सबसे पहले अमृतसर के अजनाला में एक ट्रैवल एजेंट के कार्यालय को सील किया और 15 फरवरी को पटियाला में एक अन्य ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया। हालांकि, पुलिस की कमजोर कार्रवाई का फायदा उठा गिरफ्तार ट्रैवल एजेंट भी जमानत पर बाहर आ गए हैं और लोग शिकायत करने से कतराने लगे हैं।
जो लोग शिकायत करते हैं, उन्हें पैसे देकर चुप कर दिया जाता है, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। बुधवार को ईडी ने पंजाब और हरियाणा में एक साथ 11 स्थानों पर रेड भी की थी। उम्मीद है कि मामले में फिर से तेजी से जांच आगे बढ़ेगी और जालसाज ट्रैवल पर शिकंजा कसेगा।
तीन वर्ष में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 3225 मामले दर्ज
पिछले तीन वर्षों में, पंजाब में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 3,225 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,100 से अधिक मामले पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम, 2012 के तहत हैं। आंकड़ों के अनुसार, मोहाली में सबसे अधिक 398 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद जालंधर पुलिस कमिश्नरेट में 375, होशियारपुर में 293 और पटियाला में 235 मामले हैं।
इसी तरह लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट में 228, पंजाब पुलिस की एनआरआइ विंग में 190, अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट में 188, जालंधर (ग्रामीण) पुलिस में 141 और एसबीएस नगर पुलिस मे 127 मामले दर्ज हैं। पं
जाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम, 2012 के तहत दर्ज मामलों की बात करें तो जालंधर पुलिस कमिश्नरेट में सबसे ज्यादा 294, अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट में 141 और होशियारपुर पुलिस में 110, मोहाली पुलिस में 287, लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट में 161 और एनआरआई विंग में 75 मामले दर्ज किए गए हैं। ट्रैवल एजेंटों पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके।
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