खराब प्रोटीन सप्लीमेंट डिलिवर करने पर Amazon को झटका, जिला उपभोक्ता आयोग ने लगाया 5 हजार रुपये का जुर्माना
जिला उपभोक्ता आयोग ने अमेजन पर खराब प्रोटीन सप्लीमेंट के मामले में 5000 रुपये का जुर्माना लगाया। युवती ने 7850 रुपये का सप्लीमेंट खरीदा था जो खराब निकला। आयोग ने अमेजन को सेवा में लापरवाही का दोषी ठहराया और राशि लौटाने का आदेश दिया। आयोग ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां केवल 'मार्केटप्लेस' कहकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकतीं, ऑनलाइन प्रोडक्ट खराब होने पर कंपनी की जिम्मेदारी बनती है।

प्रोटीन सप्लीमेंट खराब निकलने पर आयोग ने एमेजन पर लगाया पांच हजार रुपये हर्जाना (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जिला उपभोक्ता आयोग ने एक मामले में ई-कामर्स कंपनी एमेजन को सेवा में लापरवाही का दोषी ठहराया है। आयोग ने कंपनी को पांच हजार रुपये हर्जाना अदा करने के भी निर्देश दिए हैं। आयोग ने सेक्टर-21 निवासी एक युवती की शिकायत पर यह फैसला सुनाया।
युवती ने एमेजन से एक प्रोटीन सप्लीमेंट खरीदा था जिसकी कीमत 7850 रुपये थी, लेकिन यह सप्लीमेंट खराब क्वालिटी का निकला। ऐसे में आयोग ने कंपनी को 7850 रुपये रिफंड देने को भी कहा है।
आयोग ने अपने फैसले में कहा कि ई-कामर्स कंपनी खुद को केवल “मार्केटप्लेस” कहकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। अगर आनलाइन मंगवाने पर कोई सामान खराब निकलता है तो इसकी जिम्मेदारी ई-कामर्स कंपनी की भी बनती है।
आयोग ने कहा कि "आनलाइन प्लेटफार्म बड़े पैमाने पर विज्ञापन देकर उपभोक्ताओं को आकर्षित करते हैं। उपभोक्ता उत्पाद खरीदते समय विक्रेता नहीं, बल्कि ई-कामर्स कंपनी की साख और नाम पर भरोसा करते हैं। ऐसे में यदि विक्रेता द्वारा कोई गड़बड़ी की जाती है, तो ई-कामर्स कंपनी को भी समान रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।"
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 18 सितंबर 2020 को एक प्रोटीन सप्लीमेंट आनलाइन खरीदा था। इसकी कीमत 7,850 रुपये थी। 20 सितंबर 2020 को प्रोटीन सप्लीमेंट उनके पते पर पहुंच गया। शिकायतकर्ता ने पैकिंग खोली, तो पाया कि प्रोटीन पूरी तरह खराब हो चुका था और यह इस्तेमाल के लायक नहीं था।
शिकायतकर्ता ने तुरंत कंपनी को ईमेल और फोन काल के जरिए शिकायत की और प्रोडक्ट बदलने या राशि लौटाने की मांग की। शुरुआत में कंपनी ने कहा कि प्रोडक्ट रिप्लेसमेंट पालिसी में नहीं आता, लेकिन बाद में कंपनी ने रिफंड का आश्वासन दिया। हालांकि कंपनी ने बाद में रिफंड देने से इनकार कर दिया।
कंपनी ने अपनी लिखित सफाई में कहा कि वह केवल “ई-कामर्स मार्केटप्लेस” है और असल विक्रेता केडी न्यूट्रा एंटरप्राइजेज है। कंपनी ने दावा किया कि उत्पाद की गुणवत्ता या बिक्री से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि आयोग ने कंपनी को दलीलों को नहीं माना।

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