Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Punjab News: SAD के हाशिए पर जाने से पार्टी में उठने लगे विरोध के सुर, चंदूमाजरा के बाद अब मनप्रीत अयाली ने भी बनाई दूरी

    Updated: Fri, 07 Jun 2024 09:33 PM (IST)

    Punjab News पंजाब में शिअद के फिर हाशिए पर जाने से पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे हैं। श्री आनंदपुर साहिब से पार्टी के प्रत्याशी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा के बाद अब विधानसभा में पार्टी के नेता मनप्रीत अयाली ने भी कहा कि जब तक झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं होती तब तक वह पार्टी गतिविधियों से दूर रहेंगे।

    Hero Image
    SAD के हाशिए पर जाने से पार्टी में उठने लगे विरोध के सुर (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) में शिरोमणि अकाली दल (SAD) को केवल एक सीट मिलना और उसके दस प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त होने से पार्टी में विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं।

    श्री आनंदपुर साहिब से पार्टी के प्रत्याशी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा के बाद अब विधानसभा में पार्टी के नेता मनप्रीत अयाली ने भी कहा कि जब तक झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं होती तब तक वह पार्टी गतिविधियों से दूर रहेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हार के कारणों की जांच की

    काबिले गौर है कि विधानसभा का चुनाव हारने के बाद सुखबीर बादल ने पूर्व विधायक इकबाल सिंह झूंदा की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया था जिसने 90 से ज्यादा सीटों पर जाकर हार के कारणों की जांच की। इसमें उन्होंने कई सिफारिशें की थीं जिसमें सबसे बड़ी सिफारिश नीचे से लेकर ऊपर तक सारी लीडरशिप को इस्तीफा देकर नए सिरे से पार्टी का ढांचा गठित करना शामिल है।

    यह भी पढ़ें: Tarn Taran News: फर्जी एनकाउंटर मामले में 31 साल बाद आया फैसला, पूर्व DIG को सात साल और इंस्‍पेक्‍टर को उम्रकैद

    इसके अलावा एक परिवार से एक टिकट देना, जो विधायक या सांसद के लिए चुनाव में उतर रहे हैं उन्हें एसजीपीसी की टिकट न देने आदि कई और सिफारिशें भी शामिल हैं। सारे विंग करके पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने बदलाव के संकेत तो दिए थे लेकिन यह ज्यादा आगे नहीं बढ़ सके।

    फिर उठने लगे विरोधी सुर

    विधानसभा के बाद अब एक बार फिर लोकसभा में भी पार्टी का वही हाल रहने से विरोधी सुर उठने लगे हैं। मनप्रीत अयाली जो विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के नेता हैं ने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डालते हुए झूंदा कमेटी की रिपोर्ट पर जमी धूल को साफ करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जब तक झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं होती, तब तक वह पार्टी गतिविधियों से दूर रहेंगे।

    अकाली दल में बड़े स्तर पर सैद्धांतिक आई गिरावट

    वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं लेकिन इन चुनाव में लुधियाना सीट से उम्मीदवार तय करने के लिए सुखबीर बादल ने उनकी राय को भी शामिल किया था। अयाली ने लिखा है कि शिरोमणि अकाली दल पंथ और पंजाब की सबसे बड़ी जत्थेबंदी है जिसका गौरवमयी इतिहास रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी नेताओं की ओर से लिए गए फैसलों के कारण अकाली दल में बड़े स्तर पर सैद्धांतिक गिरावट आई है।

    यह भी पढ़ें: Kangana Ranaut से बदसलूकी करने वाली CISF महिला कॉन्‍स्‍टेबल पर मोहाली पुलिस का एक्‍शन, इन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज

    पार्टी पहले किसानी अैर अब पंजाब में चल रही पंथक सोच को पहचानने में असफल रही है। किसानी और पंथ व पंजाबियों का भरोसा हासिल करने के लिए आज पार्टी को बड़े फैसले लेने की जरूरत है ताकि पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सके।

    बीबी जगीर कौर ने कैरों के निलंबन पर सुखबीर बादल से किए सवाल

    इससे पहले एसीजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर ने चुनाव मुहिम के बीच ही पूर्व मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों के निलंबन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सुखबीर बादल को देखना चाहिए कि वह कैसे सलाहकारों से घिरे हुए हैं। उन्होंने कैरों को निलंबित करने के फैसले की सख्त आलोचना की थी।

    संगरूर में अपने बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट न दिए जाने से नाराज सुखदेव सिंह ढींडसा भी सुखबीर बादल से नाराज दिखाई पड़ रहे हैं। परमिंदर ढींडसा ने भी चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। वह केवल प्रो चंदूमाजरा और एनके शर्मा के पक्ष में ही प्रचार करने के लिए गए।