आप्शनल होगी भगवंत मान सरकार की राशन आपके द्वार योजना, कैसे मिलेगी सुविधा जल्द बताएगी सरकार
Door Step Delivery of Ration पंजाब की भगवंत मान सरकार घर-घर राशन योजना लेकर आ रही है। यह योजना आप्शनल होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह योजना कैसे लागू होगी इस बारे में सरकार जल्द बताएगी।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी (Door Step Delivery of Ration राशन, आपके द्वार योजना) यानी गरीब के घर तक राशन पहुंचाने का फैसला किया है। सीएम भगवंत मान ने आज इसकी घोषणा की। यह स्कीम आप्शनल होगी। यदि कोई व्यक्ति डिपो में आकर राशन लेना चाहे तो ले सकता है, जो व्यक्ति अपने घर पर राशन चाहेगा उसे घर पर राशन मिलेगा।
भगवंत मान ने कहा कि डिजीटल युग ने अब हर चीज घर-घर पहुंच रही है, लेकिन गरीब को राशन लेने के लिए अपना काम छोड़कर लाइन में लगना पड़ता है। लोग दो-दो किलोमीटर से राशन लेकर आते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। आप की सरकार अब घर तक साफ सुथरा राशन पहुंचाएगी। यह स्कीम कैसे लागू होगी इस बारे में भगवंत मान ने नहीं बताया।
उधर, विभागीय अधिकारियों को लगता है कि यह ऐलान करना जितना आसान है उस पर अमल करना उतना ही मुश्किल भी है। क्या सरकार राशन डिपो खत्म करना चाहती है और उनको दिए जाने वाले कमीशन को घर-घर राशन पहुंचाने पर होने वाले लाजिस्टिक खर्च करना चाहती है। दूसरा, अगर केवल विकलांगों और बुजुर्गों को घर-घर देने की बात है तो यह तो पहले से ही नियम है और भारत सरकार की ओर से बनाई गई नीति में भी है।
पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू ने कहा कि अभी तो ऐलान ही है, जब सरकार इसकी पूरी पॉलिसी लेकर आएगी तभी कोई टिप्पणी करूंगा।
पंजाब में 1.54 करोड़ लोगों को मिलता है सस्ता गेहूं
राशन के नाम पर अब केवल दो रुपये प्रति किलो गेहूं ही मिलता है। पंजाब में 1.54 करोड़ लोगों यानी 43 लाख परिवारों को दो रुपये किलो के हिसाब से गेहूं दिया जाता है। हालांकि अकाली-भाजपा सरकार के दौरान चार रुपये किलो आटा और बीस रुपये किलो दाल देने का भी वादा किया गया था, लेकिन कुछ महीने ही दाल मुहैया करवाई गई। अब केवल गेहूं ही तीन महीने बाद दिया जाता है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि अभी तीन महीने बाद गेहूं मुहैया करवाने के लिए राशन डिपो तक पहुंचाने के लिए 40 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आता है जिसका 50 फीसद भारत सरकार देती है, लेकिन अगर इसे घर-घर तक पहुंचाना पड़ा तो यह खर्च बहुत ज्यादा होगा और केंद्र सरकार यह खर्च नहीं देगी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी इस तरह का फैसला लिया था, लेकिन उपराज्यपाल ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
कहीं इसके पीछे जाली कार्ड हटाना तो नहीं
घर पर राशन मिलने की योजना लागू होने से सरकार को एक फायदा यह भी होगा कि विभाग को सही लोगों की पहचान भी हो जाएगी। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि बहुत से लोग ऐसे हैं जो संपन्न परिवारों से हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने सब्सिडी पर राशन लेने के कार्ड बनवाए हुए हैं और अक्सर देखने में आता है कि वे अपनी कारों पर गेहूं लेने आते हैं। अब जब सरकारी गाड़ी उनके घरों के सामने राशन देने खड़ी होगी तो इससे सही और गलत की पहचान भी हो जाएगी।