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    सात दिन में 350 मामले... चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों में खौफ, रोजाना आ रहे 80 केस

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:10 AM (IST)

    चंडीगढ़ में कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है बलवान करिवाल के अनुसार एक सप्ताह में 350 से ज़्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है। बारिश और मेटिंग सीजन के कारण कुत्ते ज़्यादा आक्रामक हो रहे हैं। सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी में रोजाना 70-80 मामले आ रहे हैं। कर्मचारियों ने कुत्तों के काटने की घटनाओं की वजह से सीएचबी में वाहन पार्क करना छोड़ दिया है।

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    चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों का आतंक, खौफ के साये में जी रहे लोग

    बलवान करिवाल, चंडीगढ़। शहर में कुत्तों की आक्रामकता बढ़ रही है। एक सप्ताह में कुत्तों ने 350 से अधिक लोगों को काट लिया है। बारिश के दिनों में कुत्तों के काटने से संबंधित मामले बढ़े हैं। कारण यह है कि इन दिनों में कुत्तों के अंदर संक्रामक रोग बढ़ने और मेटिंग सीजन होने से यह ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं।

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    ऐसे मामलों में कारण कई कुत्ते बार-बार भी अलग-अलग लोगों को काट रहे हैं। एक ही कुत्तों के कई लोगों को काटने के बहुत से मामले आ चुके हैं। रोजाना कुत्तों के काटने के मामले 40 से 50 तक आते थे।

    अब बढ़कर 70 से 80 तक रोजाना हो गए हैं। सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी में रोजाना ऐसे मामले पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक डाग बाइट के केस यहीं आते हैं। आवारा ही नहीं पालतू कुत्तों के काटने के मामले भी बढ़े हैं। एक मामले में तो मालिक के खलाफ पुलिस केस भी दर्ज हो चुका है। यह मामला सेक्टर 11 का है। बुधवार को इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क पर पैदल जा रहे बुजुर्ग को पीछे से कुत्तें ने काट लिया।

    सीएचबी में कुत्तों का आतंक

    सेक्टर-9 स्थित चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड कार्यालय की बेसमेंट पार्किंग में रहने वाले कुत्तों ने कई कर्मचारियों को काटा है। जो भी जाता है उस पर हमला कर देते हैं। अब स्टाफ में इन कुत्तों का आतंक इतना है कि कई यहां वाहन पार्क करना छोड़ चुके हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जब किसी अधिकारी को काटेगा तो ही कोई कार्रवाई होगी। सात महीने में ही 26 हजार लोगों को चंडीगढ़ में कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है।

    पिछले वर्ष के मुकाबले तेजी से बढ़ रहे केस। अगस्त तक सात माह में 25816 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है। सितंबर में आंकड़े और बढ़ेंगे। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार पिछले साल आवारा कुत्तों के काटने के करीब 30 हजार मामले सामने आए थे। वहीं, इस बार सात माह में ही यह आंकड़ा 26 हजार तक पहुंच गया है।

    डॉ. हरप्रीत, इंचार्ज, सेक्टर-19 एंटी रैबीज डिस्पेंसरी का कहना है कि डॉग बाइट केस बढ़ने का वैसे कोई सीजन नहीं होता। लेकिन यह जरूर है कि मेटिंग सीजन में वह आक्रामक हो जाते हैं। साथ ही कुत्ते के अपने बच्चों के पास होने पर भी डॉग बाइट की संभावना अधिक रहती है। 

    अजय जग्गा, एडवोकेट, चंडीगढ़ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों को चंडीगढ़ में तुरंत लागू किया जाए। आक्रामक कुत्तों की पहचान कर उन्हें डाग सेंटर में रखा जाए। ऐसे कुत्तों को छोड़ा ना जाए। साथ ही डॉग स्टरलाइजेशन भी बढ़नी चाहिए। नवजात बच्चों और बुजुर्गों को कुत्ते सबसे अधिक निशाना बनाते हैं। आए दिन जगह-जगह से डाग बाइट के मामले नए आ रहे हैं।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू करने की प्रक्रिया शुरू

    इसी तरह से अलग-अलग एरिया से मामले आ रहे हैं । सुप्रीम कोर्ट ने आक्रामक कुत्तों को नहीं छोड़ने के आदेश दिए थे। कुत्तों को नसबंदी के बाद डाग शेल्टर में ही रखने को कहा है। यह आदेश यूटी प्रशासन की तरफ से नगर निगम को पहुंच चुके हैं। इन आदेशों के बाद निगम ने बैठक कर इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आक्रामक कुत्तों को पकड़कर नसबंदी की जाने लगी है।