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    40 हजार करोड़ की शाही संपत्ति का विवाद सुलझा, चंडीगढ़ जिला अदालत ने किया तीन हिस्सों में बंटवारा

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:45 PM (IST)

    चंडीगढ़ जिला अदालत ने फरीदकोट रियासत के आखिरी राजा हरिंदर सिंह बराड़ की लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की शाही संपत्ति का बंटवारा कर दिया है। संपत्ति को तीन बराबर भागों में बांटा जाएगा जिसमें राजा की दो बेटियों और उनके भाई के परिवार को 33.33% हिस्सा मिलेगा। कंवर मंजीत इंदर सिंह के पोते कंवर अमरिंदर सिंह बराड़ ने यह मुकदमा लड़ा जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया।

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    शाही संपत्ति में से दो हिस्से बेटियों को मिलेंगे और एक राजा के भाई को।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। फरीदकोट रियासत के आखिरी राजा हरिंदर सिंह बराड़ की करीब 40 हजार करोड़ रुपये की शाही संपत्ति का चंडीगढ़ जिला अदालत ने बराबर बंटवारा कर दिया है। राजा की संपत्ति तीन हिस्सों में बराबर बंटेगी।

    तीनों के हिस्से 33.33 प्रतिशत आएगा। इनमें दो हिस्से तो राजा की दो बेटियों राजकुमारी अमृत कौर और दीपिंदर कौर के हैं जबकि तीसरा हिस्सा राजा के भाई कंवर मंजीत इंदर सिंह के परिवार को मिलेगा। कंवर मंजीत इंदर सिंह के निधन के बाद उनके पोते कंवर अमरिंदर सिंह बराड़ ने यह केस लड़ा।

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    जून 2020 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संपत्ति का बंटवारा कानूनी वारिसों में किए जाने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। इसके बाद कंवर अमरिंदर सिंह बराड़ ने चंडीगढ़ जिला अदालत में एक एग्जीक्यूशन पिटीशन दायर कर बराबर बंटवारा किए जाने की मांग की थी, जिस पर अब अदालत ने फैसला सुनाया।

    राजा की मां ने अपना हिस्सा दिया दूसरे बेटे को

    अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि राजा हरिंदर सिंह बराड़ की संपत्ति चार कानूनी वारिसों महारानी मोहिंदर कौर(मां), राजकुमारी अमृत कौर, महारानी दीपिंदर कौर और राजकुमारी महीप इंदर कौर को मिली थी। महारानी मोहिंदर कौर का 1991 में निधन हो गया।

    उन्होंने मरने से पहले 29 मार्च 1990 को एक वसीयत बनाई थी जिसमें उन्होंने इस संपत्ति में अपना हिस्सा अपने दूसरे बेटे कंवर मंजीत इंदर सिंह(राजा के भाई)और उसके कानूनी वारिसों के नाम किए जाने की बात लिखी थी। इस आधार पर राजा के भाई कंवर मंजीत इंदर सिंह के पोते कंवर अमरिंदर सिंह बराड़ ने कई वर्षों तक कानूनी जंग लड़ी और अपना हिस्सा हासिल किया।

    ऐसे मिली 33 प्रतिशत हिस्सेदारी

    दरअसल पहले संपत्ति का बंटवारा चार हिस्साें में हुआ। इनमें राजा की एक बेटी महीप इंदर कौर भी थी जिसकी 2001 में मौत हो गई। उसका कोई वारिस नहीं था। ऐसे में उसका हिस्सा बाकी बचे तीन कानूनी वारिसों मां और दो बेटियों में हुआ।

    अब मां ने अपना हिस्सा पहले ही अपने दूसरे बेटे के परिवार के नाम कर दिया था। इसलिए अब इस संपत्ति में तीन हिस्सेदार बचे थे, जिनमें राजा की दो बेटियां राजकुमारी अमृतकौर, महारानी दीपिंदर कौर और कंवर मंजीत इंदर सिंह का पोता कंवर अमरिंदर सिंह बराड़। ऐसे में अदालत ने संपत्ति का बंटवारा इन तीनों में 33.33 प्रतिशत के हिसाब से कर दिया।

    30 साल चल विवाद

    हरिंदर सिंह बराड़ फरीदकोट रियासत के आखिरी राजा था। उनका जन्म 29 जनवरी 2015 को हुआ था और महज तीन वर्ष की उम्र में उन्हें राजा घोषित कर दिया गया था। उनके एक बेटा और तीन बेटियां थी। उनके बेटे हरमोहिंदर सिंह की 1981 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

    हरमोहिंदर की मौत के बाद राजा गहरे सदमे में चले गए। वर्ष 1989 में उनका भी निधन हो गया। इसके बाद उनकी संपत्ति को लेकर खूब विवाद हुआ। उनकी संपत्ति पर एक महरावल खेवाजी ट्रस्ट ने भी दावा किया था, लेकिन अदालत ने उसका दावा खारिज कर दिया था।

    यह है शाही संपत्ति में शामिल

    - फरीदकोट में 14 एकड़ में फैला राजमहल

    - फरीदकाेट में किला मुबारक

    - नई दिल्ली में फरीदकोट हाउस

    - सेक्टर-17 चंडीगढ़ में प्लाट

    - मनीमाजरा का किला