जीबीपी ग्रुप के निदेशक मनी लांड्रिंग मामले में भगोड़े घोषित, लोगों के करोड़ों रुपये लेकर विदेश भाग चुके हैं आरोपित
ट्राईसिटी समेत देश के कई शहरों के लोगों से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर फरार हो चुकी रियल इस्टेट कंपनी गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स (जीबीपी) और इसके निदेशकों को प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। आरोपित लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हो रहे थे।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। ट्राईसिटी समेत देश के कई शहरों के लोगों से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर फरार हो चुकी रियल इस्टेट कंपनी गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स (जीबीपी) और इसके निदेशकों को प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। आरोपित लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हो रहे थे। पहले तो इनके खिलाफ कई बार अरेस्ट वारंट जारी किए गए थे। इसके बावजूद यह अदालत में पेश नहीं हुए तो इन्हें भगोड़ा करार दे दिया गया। गौरतलब है कि चार साल पहले कंपनी के निदेशक लोगों के करोड़ों रुपये लेकर विदेश भाग गए थे। इनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का केस शुरू कर दिया था। इस केस में ईडी इनकी करीब 148 करोड़ रुपये की प्रापर्टी भी अटैच कर चुकी है जिनमें जीरकपुर में कमर्शियल प्रोजेक्ट, इनके घर और खेतीबाड़ी की जमीन शामिल है।
इन आरोपितों को किया भगोड़ा घाेषित
कोर्ट ने जिन्हें भगोड़ा घोषित किया है उनमें जीबीपी ग्रुप, सतीश कुमार, प्रदीप कुमार, रमन गुप्ता, विनोद गुप्ता, अनुपम गुप्ता, एयरोस्पेस बिल्डकान और ग्रीन रियलटर्स एंड मार्केटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। कोर्ट ने कई बार इन्हें अदालत में पेश होने के लिए कई बार समन भेजे थे।इसके बाद इनके खिलाफ नान बेलेबल वारंट जारी किए गए। जीबीपी ग्रुप के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में भी केस चल रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस के पास भी इनके खिलाफ सैंकड़ों शिकायतें आईं। इसके अलावा इन पर चेक बाउंस के कई केस चल रहे हैं। उन मामलों में भी आरोपित कभी पेश नहीं हुए और वहां भी इनके खिलाफ वारंट जारी हो चुके हैं।
रेरा केस में भी भगोड़े हैं आरोपित
नवंबर 2021 में रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने भी जीबीपी ग्रुप के खिलाफ जिला अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। रेरा के आदेशों को न मानने पर यह केस दर्ज हुआ था जिसमें जीबीपी ग्रुप के निदेशक कभी अदालत में पेश नहीं हुए। ऐसे में अक्टूबर 2022 को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की काेर्ट ने ग्रुप और उसके निदेशकों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं इनकम टैक्स की ओर से दायर एक केस में भी आरोपित फरार हैं।
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