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    Chandigarh News: प्राइम लोकेशन आइटी पार्क में फ्लैट लेने का सपना पूरा होना मुश्किल, जानिए वजह

    Chandigarh News चंडीगढ़ में हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट लेने का सपना आसान नहीं है। प्राइम लोकेशन आइटी पार्क में लग्जरी फ्लैट की राह देख रहे है। इसके अलावा शहर में कोई प्राइवेट बिल्डर भी कोई प्रोजेक्ट नहीं बना रहा।

    By Balwan SinghEdited By: Vipin KumarUpdated: Mon, 14 Nov 2022 12:41 PM (IST)
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    Chandigarh News: आइटी पार्क में लग्जरी फ्लैट लेने का सपना नहीं हाे सकेगा पूरा।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh News: शहर की सबसे प्राइम लोकेशन आइटी पार्क में लग्जरी फ्लैट लेने का सपना देख रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है। जो लोग नव वर्ष 2023 में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की जनरल हाउसिंग स्कीम को लांच होने का इंतजार कर रहे थे अब यह फ्लैट उन्हें मिल भी पाएंगे या नहीं अभी तय नहीं है। चंडीगढ़ में यही एक हाउसिंग प्रोजेक्ट है जिसकी बेसब्री से इंतजार हो रहा था। बाकी यहां जमीन का अभाव है। यहां कोई प्राइवेट बिल्डर भी कोई प्रोजेक्ट नहीं बना रहा।

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    इस वजह से लोगों के पास घर खरीदने के सीमित ही अवसर हैं। पहले से तैयार मकान ही लेने होते हैं। दरअसल मिनिस्ट्री आफ एन्वायरमेंट एंड फारेस्ट (एमओइएफ) ने बोर्ड के आइटी पार्क में बनने वाले जनरल हाउसिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। सीएचबी ने आइटी पार्क की जमीन पर बनने वाले जनरल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मांगी थी।

    नेशनल बोर्ड फोर वाइल्डलाइफ (एनबीडब्ल्यू) ने इस प्रोजेक्ट पर मीटिंग करते हुए इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। हरी झंडी नहीं मिलने से अब इस पूरे प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनजीटी ने प्रोजेक्ट पर आपत्ति दर्ज कराई है उन्हें एनबीडब्ल्यू वाइल्डलाइफ और फारेस्ट को बढ़ावा देने संरक्षण का काम करता है।

    इसलिए फारेस्ट और वाइल्डलाइफ के आस-पास डेवलप होने वाले किसी भी प्रोजेक्ट के लिए एनबीडब्ल्यू से मंजूरी लेनी होती है। हालांकि स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुका है। इसके बाद ही इसे एनबीडब्ल्यू से वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस लेने के भेजा गया

    1.25 किलोमीटर दायरे से बाहर फिर भी क्लीयरेंस नहीं

    सुखना लेक का इको सेंसटिव जोन दो किलोमीटर से 2.5 किलोमीटर तक है। इस दायरे के अंदर किसी तरह का कोई निर्माण नहीं हो सकता है। यूटी प्रशासन अधिसूचना जारी कर यह दायरा निर्धारित कर चुका है। ग्रीन जोन में 0.5 किलोमीटर के दायरे में कोई कामर्शियल कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकती। 0-5 से 1.25 किलोमीटर के दायरे में केवल 15 फीट ऊंची कंस्ट्रक्शन ही हो सकती है। 1.25 किलोमीटर से दूरी के बाद कोई भी नई बिल्डिंग और मकान बिल्डिंग बायलाज के तहत बनाए जा सकते हैं। बोर्ड का यह प्रोजेक्ट 1.25 किलोमीटर के दायरे से बाहर इसलिए ही वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस मांगी जा रही है।

    ड्राइंग, डिजाइन तैयार, 643 करोड़ का बजट मंजूर

    इस स्कीम की कंस्ट्रक्शन पर 643 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बोर्ड से खर्च को मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इस स्कीम के तहत ही कम्युनिटी सेंटर और शापिंग कांप्लेक्स भी बनाया जाना है। इन्हें बेचकर ही बोर्ड स्कीम कंस्ट्रक्शन कोस्ट को कवर करेगा। चार सदस्यीय प्लान अप्रूवल कमेटी प्रोजेक्ट ड्राइंग को मंजूरी दे चुकी है। जिसमें पब्लिक हेल्थ, स्ट्रक्चरल, अर्बन प्लानिंग और इलेक्ट्रिकल शामिल है। कंसल्टेंट ने स्कीम पर 643 करोड़ रुपये का खर्च तय किया है। इसमें सिविल वर्क के लिए 471 करोड़ और पब्लिक हेल्थ वर्क के लिए 32 करोड़ का अनुमान लगाया गया है।

    728 फ्लैट की है जनरल हाउसिंग स्कीम

    यह ग्रुप हाउसिंग स्कीम 10.51 और 6.43 एकड़ की दो अलग-अलग साइट पर डेवलप होंगी। सिक्स प्लस वन हाईट की बिल्डिंग में कुल 728 फ्लैट बनने हैं। बेसमेंट अलग से होगी। स्कीम के तहत टू, थ्री और फोर बीएचके फ्लैट बनाए जाने हैं। जिनकी कीमत डेढ़ करोड़ से पौने तीन करोड़ रुपये तक हो सकती है।