चंडीगढ़ GMCH-32 की लापरवाही, महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ के बावजूद अस्पताल में नहीं बनी कमेटी
चंडीगढ़ सेक्टर -32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लापरवाही सामने आई है। बीते दिन पहले महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी। हालांकि आरोपित डॉक्टर को सस्पेंड किया गया था। बावजूद पोश एक्ट के तहत यहां इंटर्नल कंप्लेंट्स कमेटी तक नहीं बनाई गई है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH-32) में कुछ दिन पहले ही एक महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। हैरानी की बात यह है कि वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हरासमेंट रोकने के लिए प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल एक्ट-2013 (पोश एक्ट) के तहत यहां इंटर्नल कंप्लेंट्स कमेटी तक नहीं बनाई गई है। जबकि इस एक्ट के तहत ऐसी कमेटी होना जरूरी है। जीएमसीएच में इससे पहले भी महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आ चुका है। उक्त दोनों मामलों में आरोपितों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, एक मामले में तो आरोपित डॉक्टर की गिरफ्तारी भी हुई थी।
यह चौंकाने वाली जानकारी सूचना के अधिकार के तहत सामने आई है। एडवोकेट अजय जग्गा ने जीएमसीएच-32 से आरटीआइ के तहत इस कमेटी की जानकारी मांगी थी। लेकिन मेडिकल कॉलेज ने ऐसी किसी कमेटी होने से इन्कार कर दिया है। जग्गा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भी लापरवाही हुई है। कॉलेज में वुमेन वर्कप्लेस पर सुरक्षा के लिए बने इस एक्ट का उल्लंघन किया गया है। यह कमेटी बनाना हर संस्थान के लिए अनिवार्य है।
हॉस्पिटल ने कहा कि एमआइएससी ब्रांच ने ऐसी कोई कमेटी बनाने के आदेश नहीं किए। सीपीआइओ ने यह जवाब दिया है। इससे अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। यह चिंता का विषय भी है। आखिर कैसे पोश-एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे कैसे महिलाएं वर्कप्लेस पर सुरक्षित रहेंगी और निश्चिंत होकर काम कर सकेंगी। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से छेड़छाड़ की घटना के बाद आरोपी टेक्नीशन को गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे सस्पेंड किया किया गया है। बावजूद इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने गंभीरता दिखाते हुए इस पर काम नहीं किया। हालांकि कॉलेज के ही एक ऑर्डर में ऐसी कमेटी गठन की जानकारी भी है। लेकिन सीपीआइओ को इसकी जानकारी तक नहीं है।
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