पंजाब में 300 यूनिट फ्री बिजली के बावजूद पावर काम को 1000 करोड़ रुपये की बचत
पंजाब पूरे देश में एक मात्र ऐसा राज्य हैं जहां पर तकरीबन 30 माह से 85 फीसदी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिल नहीं देना पड़ा। इसके बावजूद पावर काम बचत हो रही है। वो भी तकरीबन 1000 करोड़ रुपये की। यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन यही हकीकत है। सरकार ने राज्य को अलाट हुई लेकिन वर्षों तक बंद रही पछवाड़ा कोल माइन को चलवाया।

डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब पूरे देश में एक मात्र ऐसा राज्य हैं जहां पर तकरीबन 30 माह से 85 फीसदी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिल नहीं देना पड़ा। इसके बावजूद पावर काम बचत हो रही है। वो भी तकरीबन 1000 करोड़ रुपये की। यह सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन यही हकीकत है। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य को अलाट हुई लेकिन वर्षों तक बंद रही पछवाड़ा कोल माइन को चलवाया। पंजाब सरकार का यह दूरदर्शी फैसला था। अब पंजाब राज्य पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने पछवाड़ा कोयला खदान से सस्ता कोयला प्राप्त कर लगभग 1000 करोड़ रुपये की बड़ी बचत की है।
मिल रहा है सस्ता कोयला
वर्ष 2015 से बंद पड़ी पछवाड़ा कोयला खदान को पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में दिसंबर 2022 में पुन: चालू करवाया था। यह कदम कोल इंडिया लिमिटेड के मुकाबले सस्ता कोयला प्राप्त करने का बेहतर विकल्प साबित हुआ। कोल इंडिया लिमिटेड के मुकाबले पछवाड़ा खदान से कोयला प्रति 1 लाख मीट्रिक टन पर 11 करोड़ रुपये सस्ता पड़ रहा है। पीएसपीसीएल ने अब तक 2400 रैक के माध्यम से 92 लाख मीट्रिक टन कोयला प्राप्त किया है। इस पहल के चलते पंजाब के थर्मल प्लांट्स में अब कोयले की कोई कमी नहीं है। रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल पावर प्लांट के पास 35 दिनों का कोयला स्टॉक है, लहरा मोहब्बत स्थित श्री गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट के पास 26 दिनों का और गोइंदवाल साहिब स्थित श्री गुरु अमरदास थर्मल प्लांट के पास 28 दिनों का स्टॉक है। जबकि किसी समय में पंजाब के थर्मल प्लांटों के बाद 7 से 10 दिन का ही स्टाक हुआ करता था।
350 करोड़ रुपये की हो रही सालाना बचत
यह सब तब जब पंजाब सरकार ने पहली बार गोइंदवाल साहिब में स्थित 540 मेगावाट के जीवीके थर्मल प्लांट का अधिग्रहण किया था, जिसे अब श्री गुरु अमरदास थर्मल प्लांट के नाम से जाना जाता है। इस प्लांट को 2 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की दर से खरीदा गया, जिससे 350 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता, जो पहले 35 प्रतिशत थी, अब बढक़र 77 प्रतिशत हो गई है। ऐसे कदमों से राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में सक्षम हो पाई है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं कि ऐसा तब ही हो सकता हैं जब आपकी नियत साफ हो। पंजाब सरकार ने न सिर्फ प्राइवेट थर्मल प्लांट को खरीदा बल्कि पछवाड़ा कोल माइन को भी चलवाया। बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार किया और प्रति माह 300 यूनिट फ्री बिजली देकर आम लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाया।
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