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    Gurmeet Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम फिर HC की शरण में, इन दो मामलों में की CBI जांच करवाने की मांग

    Updated: Tue, 09 Apr 2024 04:34 PM (IST)

    Gurmeet Ram Rahim डेरा प्रमुख राम रहीम ने अपनी याचिका में बेअदबी मामले में अक्टूबर 2015 में बठिंडा के दयालपुर और नवंबर 2015 में मोगा के समालसर में दर्ज इन दोनों प्राथमिकी की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। राम रहीम का मानना है कि पंजाब सरकार अब उनके खिलाफ इन मामलों में प्रोडक्शन वारंट मांग सकती है।

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    Gurmeet Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम फिर HC की शरण में

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Gurmeet Ram Rahim Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार व सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

    डेरा प्रमुख ने अपनी याचिका में बेअदबी मामले में अक्टूबर 2015 में बठिंडा के दयालपुर और नवंबर 2015 में मोगा के समालसर में दर्ज इन दोनों एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि फरवरी में इस मामले के एक आरोपित प्रदीप क्लेर द्वारा उसके खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान के आधार पर पंजाब सरकार अब उनके खिलाफ इन मामलों में प्रोडक्शन वारंट मांग सकती है।

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    डेरा मुखी ने हाई कोर्ट से इन दोनो एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक रंजिश के तहत पहले 2022 विधानसभा के चुनाव से पहले भी ऐसा कर चुकी है और अब लोकसभा चुनावों के पहले भी उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करवाए जा सकते हैं, लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए।

    बेअदबी मामले में दर्ज हुई थी पांच FIR

    डेरा मुखी ने हाई कोर्ट से कहा की बेअदबी मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमे तीन फरीदकोट में दर्ज की गई थी। इन तीनों एफआईआर में डेरा मुखी के ट्रायल पर हाई कोर्ट अभी पिछले महीने ही रोक लगा चुका है और पूरा मामला हाई कोर्ट को लार्जर बेंच को रेफर किया जा चुका है। लेकिन बठिंडा और मोगा की एफआईआर में डेरा मुखी के खिलाफ कारवाई की जा सकती है।

    हाई कोर्ट ने डेरा मुखी की याचिका पर पंजाब सरकार सहित सीबीआई को नोटिस जारी कर 21 मई तक जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह भी आदेश दिए है कि अगर इन मामलों में डेरा मुखी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की जाए तो उसे पहले सात दिन पहले डेरा मुखी को नोटिस दिया जाए।

    ट्रायल कोर्ट कार्यवाही पर लगी थी रोक

    मार्च माह में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को एक बड़ी राहत देते हुए, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बेअदबी मामले में उनकी भूमिका के संबंध में निचली अदालत में उनके खिलाफ लंबित ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने यह तय करने के लिए इस मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भी भेज दिया है कि बेअदबी मामलों की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए या नहीं।

    हाई कोर्ट के समक्ष मामले में शामिल मुख्य बिंदु यह था कि क्या राज्य द्वारा सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति को बाद के चरण में राज्य द्वारा वापस लिया जा सकता है।

    डेरा प्रमुख के वकील ने दलील दी कि सीबीआई पहले ही इस मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश कर चुकी है और पंजाब सरकार जिसने पहले मामले को सीबीआई को भेजने की सहमति दी थी, ने बिना किसी अधिकार के अपनी सहमति वापस ले ली है।

    2019 में पंजाब सरकार की अधिसूचना को रद करने के दिए निर्देश

    अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने 6 सितंबर, 2018 को पंजाब सरकार की अधिसूचना को रद करने के निर्देश देने की मांग की है, जिसके माध्यम से राज्य सरकार ने बेअदबी मामलों में सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति वापस ले ली थी।

    ज्ञात रहे कि साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले की तीन एफआईआर दर्ज की गई थी इनमें डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत के खिलाफ आरोप पत्र तय हो चुका है। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल फरीदकोट की अदालत से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था।