चंडीगढ़ पीयू से पीएचडी करेंगे उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी, कैंपस पहुंच पेश किया रिसर्च प्रपोजल
लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी जल्द पंजाब यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्टूडेंट होंगे। उप सेनाप्रमुख एसके सैनी चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी में शोध करेंगे। वीरवार को एसके सैनी ने पीयू स्थित डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्टडीज में पीएचडी में दाखिले के लिए प्रेजेंटेशन दी।

चंडीगढ़ [डा. सुमित सिंह श्योराण]। जिंदगी में पढ़ने की कोई उम्र और सीमा नहीं होती। हम सभी को हमेशा कुछ नया सीखते रहना चाहिए। वर्षों बाद फिर से स्टूडेंट के तौर पर कैंपस में आकर काफी अच्छा लग रहा है। यह कहना था देश के उप सेनाप्रमुख (वाइस चीफ आफ आर्मी) लेफ्टिनेंज जनरल एसके सैनी का। देश की सेना में दूसरे सबसे बड़े पद पर काबिज लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी जल्द पंजाब यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्टूडेंट होंगे। उप सेनाप्रमुख एसके सैनी पंजाब यूनिवर्सिटी में शोध करेंगे। वीरवार को एसके सैनी ने पीयू स्थित डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्टडीज में पीएचडी में दाखिले के लिए प्रेजेंटेशन दी। दूसरे स्टूडेंट््स की तरह उप सेनाप्रमुख ने भी रिसर्च कमेटी के सामने रिसर्च प्रोजेक्ट पेश किया और कमेटी के सवालों के जवाब दिए। विभाग में कई बड़े आर्मी आफिसर स्टूडेंट हैं, लेकिन पहली बार उप-सेनाप्रमुख जैसे बड़े पद का अधिकारी पहली बार पीएचडी कोर्स में दाखिले के लिए पहुंचा।
रिसर्च कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन के बाद दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उप-सेनाप्रमुख ने कहा कि यह अवधारणा बिल्कुल गलत है, कि फौजियों को पढऩे की आवश्यकता नहीं, बल्कि सच यह है कि इस क्षेत्र में अपडेट रहने की अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि पढऩा-लिखना कभी नहीं छोडऩा चाहिए। पंजाब के कपूरथला स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ाई के दिनों को भी उन्होंने याद किया। लेफ्टि जनरल सैनी ने 1983 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी को ज्वाइन किया था।
जवानों ने की विभाग की किलेबंदी
पीयू डिफेंस स्टडी विभाग में पीएचडी रजिस्ट्रेशन के लिए सात कैंडीडेट पहुंचे। जिनमें उप सेनाप्रमुख लेफ्टि.जनरल एसके सैनी भी शामिल थे। सेना के बड़े अधिकारी के कारण विभाग के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। 20 से अधिक सेना के जवान और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी सुरक्षा में तैनात रहे। सेना-उपप्रमुख ने करीब पौने घंटे तक रिसर्च कमेटी के सामने रिसर्च प्रपोजल पेश किया।
मैनेजमेंट आफ इंडो-बांग्लादेश बार्डरनीड फार ए पीपुल सेंट्रिक अप्रोच ..थीम पर करेंगे शोध
लेफ्टि.जनरल एसके सैनी काफी समय तक इंडो-बांग्लादेश बार्डर पर भी रहे हैं। ऐसे में उन्होंने मैनेजमेंट आफ इंडो बांग्लादेश बार्डर ...थीम पर पीएचडी प्रपोजल तैयार किया है। 57 साल के सैनी ने कहा कि उन्हें लगता है कि सेना के अनुभव से ही वह बेहतर शोध कर पाएंगे। डिफेंस स्टडी चेयरपर्सन डा.जसकरण सिंह उप सेनाप्रमुख के गाइड होंगे। लेफ्टि जनरल सैनी पंजाब स्थित होशियारपुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ तो उनके घर जैसा है।
कई बड़े आर्मी अफसर विभाग में हैं स्टूडेंट
पीयू स्थित डिफेंस स्टडी विभाग बीते सालों में शोध पर काफी काम कर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल ,कर्नल से लेकर कैप्टन स्तर के बड़े अधिकारी विभाग से एमए,एमिफिल और पीएचडी कर रहे हैं। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल केजे ङ्क्षसह और लेफ्टिनेंट जनरल शकीन चौहान भी विभाग में पीएचडी स्कालर हैं।
डिफेंस स्टडी विभाग अभी तक 20 से अधिक एमफिल और पीएचडी करवा चुका है, जिसमें सेना से जुड़े आफिसर की शामिल है। लेफ्टि.जनरल एसके सैनी का डिफेंस विभाग से जुडऩा सम्मान की बात है। रिसर्च स्कालर के तौर पर लेफ्टि जनरल एसके सैनी का अनुभव दूसरे स्टूडेंट्स के लिए भी फायदेमंद होगा।
- डा. जसकरण सिंह, चेयरपर्सन, डिपार्टमेंट आफ डिफेंस स्टडीज पीयू चंडीगढ़।
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