फिल्म सिटी बनने के लिए तेज हुई मांग
2007 में शहर में फिल्म सिटी बनने का प्रस्ताव तैयार हुआ जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर लिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : 2007 में शहर में फिल्म सिटी बनने का प्रस्ताव तैयार हुआ, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर लिया। 2014 में सांसद किरण खेर ने फिल्म सिटी बनाने के लिए काम जल्द शुरू करवाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन 14 साल बीत जाने के बाद फिल्म सिटी प्रोजेक्ट फाइलों में सिमट कर रह गया है। यह कहना है एंटरनेमेंट प्लस स्टूडियो के मालिक सुरेश मलिक का।
उड़ती चिडि़या फिल्म की शुरुआत के लिए शहर पहुंचे सुरेश मलिक ने बताया कि मैं पंचकूला में खुद का स्टूडियो बनाकर काम कर रहा हूं। यदि शहर में फिल्म सिटी बनती है तो प्रशासन को आर्थिक लाभ के साथ सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि लगातार प्रशासन से मांग की जाती रही है, लेकिन कभी सुनवाई नहीं हुई। मंगलवार को एक बार फिर से प्रशासक के सलाहकार को फिल्म सिटी बनाने के लिए मांग पत्र सौंप रहे हैं। बच्चों के सपनों और मां-पिता की सोच दिखेगी फिल्म 'उड़ती चिड़िया' में
फिल्म 'उड़ती चिड़िया' के बारे में सुरेश ने बताया कि माता-पिता खुद की सोच को पूरा करने के लिए बच्चों पर दबाव डालते हैं और बच्चे जीवन में सफल इंसान नहीं बन पाते। बच्चों की असफलता का एक कारण कुछ हद तक माता-पिता भी होते हैं, क्योंकि वह कभी भी बच्चे की खुशी या सपने के बारे में जानना या समझना नहीं चाहते। बच्चों और माता-पिता की सोच को दिखाने का प्रयास फिल्म में किया जा रहा है जिसकी शूटिग शहर के विभिन्न आउटडोर और इनडोर स्थानों पर होगी।
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