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    Punjab News: एसजीपीसी चुनाव के लिए वोटर सूची तैयार करने पर रोक की मांग, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

    Updated: Tue, 02 Apr 2024 09:01 PM (IST)

    सहजधारी सिखों के मताधिकार को खत्म करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका विचाराधीन है। केंद्र सरकार द्वारा सिख गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन को सहजधारी सिख पार्टी ने 2017 में चुनौती दी थी। मतदाता सूची तैयार होने और मतदान होने पर उसे लंबित याचिका के फैसले पर निर्भर करने की मांग की है। ऐसे में वोटर सूची बनाने और इसके अनुसार चुनाव करवाने पर रोक की मांग की गई है।

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    एसजीपीसी चुनाव के लिए वोटर सूची तैयार करने पर रोक की मांग।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए वोटर सूची तैयार करने की 4 अक्तूबर 2023 की अधिसूचना रद्द कर दी गई थी। इस सूची के माध्यम से चुनाव पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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    सहजधारी सिखों के मताधिकार को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सिख गुरुद्वारा एक्ट में 2016 में किए गए संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस याचिका में अर्जी दाखिल करते हुए सहजधारी सिख पार्टी ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने 2017 में याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन को चुनौती दी थी।

    कोरोना के चलते नहीं हो पाई सुनवाई

    सितंबर 2019 में हाईकोर्ट ने एसजीपीसी को चार सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। इसके बाद कोरोना के कहर के चलते इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। याची ने बताया कि संशोधन के चलते 70 लाख से अधिक सहजधारी सिख एसजीपीसी चुनाव में वोट के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। 1925 में सिख गुरुद्वारा एक्ट बनाया गया था और 1944 में एक्ट में संशोधन कर इसमें सहजधारी सिख शब्द जोड़ा गया।

    सहजधारी सिखों को मताधिकार से कर दिया गया वंचित

    याची ने बताया कि राजनीतिक कारणों से 2003 में नोटिफिकेशन जारी कर सहजधारी सिखों को एसजीपीसी के बोर्ड और कमेटी के चुनाव में मताधिकार से वंचित कर दिया गया। याची ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की 2003 की अधिसूचना को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। इसके बाद 2016 में केंद्र सरकार ने गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन कर एक बार फिर से सहजधारी सिखों को मताधिकार से फिर वंचित कर दिया।

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    70 लाख सहजधारी सिख वोट से रह गए थे वंचित

    अर्जी में याची ने बताया कि इस संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका लंबित होने के बावजूद 23 अक्तूबर 2023 को अधिसूचना जारी कर वोटर सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया। याची ने कहा कि यदि इस वोटर सूची से चुनाव होता है तो 70 लाख सहजधारी सिख वोट के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।

    ऐसे में वोटर सूची बनाने और इसके अनुसार चुनाव करवाने पर रोक की मांग की गई है। साथ ही यदि वोटर सूची तैयार होती है और इससे चुनाव होता है तो उनकी याचिका पर आने वाले फैसले पर चुनाव का परिणाम निर्भर करने का आदेश दिया जाए।

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