बिक्रम मजीठिया की जमानत पर एक बार फिर टला फैसला, मंगलवार को फिर होगी सुनवाई
मोहाली में अकाली दल के पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर फैसला फिर टल गया। अदालत में दोनों पक्षों ने अपने तथ्य रखे जिसके बाद सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। मजीठिया के वकीलों ने उनकी बैरक बदलने की याचिका भी दायर की है जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, मोहाली। अकाली दल के पूर्व मंत्री और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर आज फिर से एक बार फैसला टल गया है। अब इस मामले में मंगलवार को दोबारा से सुनवाई होगी।
आज दोनों पक्षों की तरफ से फिर अदालत के सामने अपने-अपने तथ्य रखे। दोनों के बीच में करीब 2 घंटे तक बहस चली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मंगलवार के लिए इस केस को फिक्स किया है।
वहीं इस पूरी सुनवाई के दौरान मजीठिया की पत्नी और विधायक गनीव कौर भी अदालत में मौजूद रही। सुनवाई के बाद उनके वकीलों ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक बदलाखोरी चल रही है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। इसलिए सरकारी वकील बार-बार फैसला टलबाने की कोशिश कर रहे हैं।
बैरक बदलने पर भी होगी सुनवाई
बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के वकीलों की तरफ से जमानत के साथ-साथ नाभा जेल में उनकी बैरक बदलने के लिए भी एक याचिका लगाई गई है। इस पर भी मंगलवार को ही सुनवाई होनी है। वकीलों की तरफ से आरोप लगाया गया है कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को खूंखार सजा काट रहे दोषियों के साथ रखा गया है।
जिससे उन्हें सुरक्षा का खतरा है। जो दो दोषी उनके साथ रह रहे हैं, उनमें से एक पर बच्चों की हत्या और दूसरे पर नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म करने की सजा मिली हुई है। ऐसे में प्रोटोकॉल के हिसाब से उन्हें अलग-अलग बैरक में रखा जाना चाहिए।
14 अगस्त तक जेल में है मजीठिया
मजीठिया को 25 जून को विजिलेंस टीम ने अमृतसर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह नाभा जेल में बंद हैं। वहीं 14 अगस्त को मजीठिया की न्यायिक हिरासत भी समाप्त हो रही है। मजीठिया का जेल से बाहर आना अभी और कठिन नजर आ रहा है क्योंकि इस केस के अलावा अमृतसर में भी एक और मामला दर्ज है।
आरोप है कि जब 25 जून को विजिलेंस टीम उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, तो उन्होंने टीम के साथ दुर्व्यवहार किया और पुलिसकर्मियों से झगड़ा किया। इसी दौरान उनके एक समर्थक पर भी मामला दर्ज किया गया है और गैर-जमानती धाराएं लगाई गई हैं।
ऐसे में साफ है कि भले ही उन्हें इस केस में जमानत मिल भी जाए, अमृतसर पुलिस उन्हें तुरंत दोबारा गिरफ्तार कर सकती है।
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