मौत का सौदा: मोहाली पुलिस कटघरे में, हाईकोर्ट में मामला ले जाने की तैयारी
मोहाली में रैश ड्राइविंग से हुई बुजुर्ग की मौत के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा रही है। मोहाली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। सामाजिक संगठनों ने पुलिस के रवैये की आलोचना की है। शहर के वकील और सामाजिक संगठन अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली। रैश ड्राइविंग से एक बुजुर्ग की मौत के मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा रही है। पंजाब मानवाधिकार आयोग के पास भी मोहाली पुलिस की कारवाई की शिकायत पहुंच गई है। शहर के सामाजिक संगठन भी इस मुद्दे पर मोहाली पुलिस के रवैए की आलोचना कर रहे है।
शहर की सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि पुलिस एक तरफ शहर में ड्रंकन ड्राइविंग के नाके लगती है ओवर स्पीड के चलान किए जाते है। वहीं दूसरी तरफ रैश ड्राइविंग से एक बुजुर्ग की जान लेने वालों पर केस तक दर्ज नहीं किया गया।
रईसजादों के रसूख के आगे पुलिस की एक न चली। यहां तक कि गाड़ी का चलान तक नहीं किया। मोहाली पुलिस हर रोज दर्जनों वाहनों के चालान करती है। मोहाली पुलिस के अधिकारी भी इस पर चुप्पी साधे हुए है। शहर के चर्चित वकील एवं सामाजिक संगठन अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे है।
पंजाब भाजपा के नेता विनीत जोशी के अनुसार मोहाली पुलिस का यह रवैया दर्शाता है कि वह बिगड़े हुए रईसजादों के खिलाफ कारवाई नहीं कर सकती। वह सिर्फ आम जनता को परेशान कर सकती है। जोशी के अनुसार वह इस मामले की सीनियर अफसरों के सामने उठाएंगे। पुलिस क्या संदेश देना चाहती है। यह सीधे सीधे असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देने वाला काम है।
बहुत ही गैर जिम्मेदाराना रवैया
अराइव सेफ सोसाइटी के संस्थापक हरमन सिद्धू इसे पुलिस की घोर लापरवाई मानते है। सिद्धू के अनुसार यह मोहाली पुलिस का बड़ा गैर जिम्मेदाराना रवैया है। पुलिस को अपनी कारवाई करनी चाहिए फिर चाहे पीड़ित पक्ष के साथ कोई समझौता क्यों न हो। उनका कहना है कि पुलिस अफसरों को इस मामले में कारवाई करनी चाहिए नहीं तो इसका बड़ा गलत संदेश जाएगा।
मोहाली पुलिस को केस दर्ज करना होगा
शहर के जाने माने वकील सतिंदर सिंह उसे पुलिस की बड़ी लापरवाही मानते है। उनका कहना है कि कानून में कोर्ट से बाहर इस तरह के समझौते का कोई स्थान नहीं है। पुलिस अधिकारी यदि इस प्रकार के समझौते में शामिल हैं तो उन पर भी कारवाही होनी चाहिए। ऐसे मामलों में हर हाल में केस दर्ज करना होगा। यह नैतिकता के आधार पर भी गलत है और कानूनी तौर पर भी।
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